बिलासपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में वन अधिकार पट्टे (forest rights lease) की बिक्री को लेकर हाईकोर्ट (Chhattisgarh High court) ने एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने वन अधिकार पट्टों के वितरण पर 2 महीने की रोक (Stay) लगाई दी है. साथ ही शासन को जवाब प्रस्तुत करने निर्देशित भी किया है. बता दें कि, जंगलों (Forest) को काटकर अपात्रों को बांटे जा रहे वन अधिकारी पट्टे को निरस्त कर जांच करने की मांग को लेकर रायपुर (Raipur) निवासी नितिन सिंघवी की कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के डिवीजन बैंच ने वन अधिकार बट्टा बांटने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दिया है. साथ ही राज्य शासन (State Government) से महीने भर में जवाब तलब भी किया है. अब मामले की अगली सुनवाई 2 महीने के बाद होगी.
बता दें की, रायपुर निवासी नितीन सिंघवी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया है. इसमे कहा गया है कि शासन द्वारा वन अधिकार पट्टा बांटा जा रहा है, जिसमें जंगल के हरे भरे पेड़ों को काटकर अवैध कब्जा किया जा रहा है. याचिका में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में सीतानदी अभ्यारण में वन भैसों के संरक्षण के लिए दायर टीएन गोधावर्मन की याचिका पर वर्ष 2012 में वन भैसों का संरक्षण करने और वनों से कब्जा हटाए जाने के आदेश दिए गए थे. साथ ही आवश्यक होने पर वनों से कब्जा हटाने के भी निर्देश दिए गए थे. मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने याचिका पर उठाए गए मुद्दों पर जल्द सुनवाई और वन अधिकार पट्टों के वितरण पर 2 माह की रोक लगाई है.