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2 महीने बाद बच्चे की नाक से निकला ‘खिलौना’

चेन्नै
चेन्नै में रहने वाले एक दंपती अपने दो साल के बेटे राजेश की तबीयत को लेकर परेशान थे। बच्चे को दो महीने से लगातार जुकाम था। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। तमाम इलाज के बाद भी उसे कोई फायदा नहीं हो रहा था। दो महीने बाद जब दंपती एक ईएनटी सर्जन के पास बच्चे को लेकर पहुंचे तो पता चला कि बच्चे की नाक में एक खिलौने का टूटा हुआ हिस्सा फंसा था। सर्जरी के बाद उसे निकाला गया जिससे बच्चे की जान बच सकी।

डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की नाक में एक शैक्षिक खिलौने का एक सेंटीमीटर लंबा स्पंज का टुकड़ा फंसा था। यह संख्या वाले खिलौने का आठ नंबर था। टुकड़ा बच्चे की नाक के पीछे और गले के ऊपरी हिस्से में फंसा था। यह बच्चे की श्लेष्म झिल्ली को नष्ट कर रहा था। डॉ. आर धनेश ने बताया कि बच्चा अब पूरी तरह से ठीक है।

हर महीने अस्पताल में पहुंच रहे पंद्रह मामले
डॉक्टरों ने कहा कि पहले अस्पताल में मूंगफली और मटर जैसी चीजें फंसने के मामले सामने आते थे लेकिन अब खिलौने के छोटे हिस्से, बटन बैटरी और सीटी जैसी चीजें बच्चों के लिए जानलेवा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में हर महीने लगभग पंद्रह ऐसे मामले आ रहे हैं। इन पंद्रह मामलों में साठ फीसदी लड़के होते हैं।

चुंबक या बटन बैटरी से जा सकती थी जान
डॉ. धनेश ने बताया कि यह केस बहुत जटिल था क्योंकि बच्चा बहुत छोटा था। उन्होंने कहा कि बच्चे के माता-पिता को यह पता नहीं था कि खिलौने वाला हिस्सा उसके श्वसन मार्ग को बाधित कर रहा है। डॉ. शारदा सतीश ने कहा कि हमने बच्चे के लक्षणों की पहचान की जिसके बाद उसके नाक में फंसा टुकड़ा निकाला। उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि यह एक बटन बैटरी या चुंबक नहीं था और यह फेफड़ों में नहीं गया, नहीं तो बच्चे की जान जा सकती थी।

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