जबलपुर
मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग (Madhya Pradesh Human rights commission) ने 2 छात्रों की निर्ममता से पिटाई के मामले का संज्ञान लेकर पुलिस से जवाब मांगा है. इस मामले में छात्रों को आरोपियों ने अर्धनग्न कर बुरी तरह से पीटा था और जान से मारने की धमकी भी दी थी. मानवाधिकार आयोग ने 2 सप्ताह के भीतर मामले में रिपोर्ट (Report) पेश करने के निर्देश दिए हैं. आयोग ने पूछा है कि क्या मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज करने में कोई लेटलतीफी बरती गई? और पूरे मामले में अब तक क्या कार्रवाई (Action) की गई है.
जबलपुर के अधारताल थाना क्षेत्र में दो छात्रो के साथ कुछ बदमाशों ने जमकर मारपीट की थी, इतना ही नहीं दोनों छात्रों की कपड़े उतारकर पैर बांधकर पिटाई करने के बाद मारपीट का वीडियो भी वायरल कर दिया गया था, जिसके बाद पीड़ितों ने अधारताल थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. ये बताया गया कि मारपीट करने वाले आरोपियों में से कुछ के खिलाफ पहले से ही गंभीर अपराध दर्ज हैं और पुलिस रिकॉर्ड में फरार हैं
दिनदहाड़े दो युवकों का अपहरण कर मारपीट करना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान है. घटना पर सख्त कार्रवाई न होने से दुखी छात्र स्वप्निल शिवहरे और आकाश पटेल ने भाजपा विधायक इंदु तिवारी के पास जाकर इपनी पीड़ा बताई थी. पीड़ित छात्रों ने बताया कि वो सुहागी के रहने वाले हैं और पाटन में परीक्षा देने जा रहे थे, रास्ते में राजेंद्र मेहरा उर्फ बड़े मियां अपने दोस्तों के साथ मिला जिसने उन्हें पकड़ लिया और एक कार में बिठाकर जबरन सुनसान जगह पर ले गए जहां दोनों के साथ मारपीट की, इसके बाद पुलिस में शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी देते हुए रास्ते में छोड़कर भाग गए थे.