मुंबई
रेल प्रशासन ने परेल वर्कशॉप को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सोमवार को मध्य रेल प्रशासन ने परेल वर्कशॉप के 715 अधिकारियों और कर्मचारियों का बडनेरा में अस्थाई तौर पर तबादला करने का फैसला किया है। इससे रेल कर्मचारियों में आक्रोश है। उनका मानना है कि रेल प्रशासन 140 वर्ष पुराने परेल वर्कशॉप को बंद करने की तरफ कदम बढ़ा रहा है। उसी क्रम में यह तबादले का फैसला लिया गया है।
रेल कर्मचारियों के मुताबिक, एक समय में परेल वर्कशॉप में हजारों कर्मचारी थे। वर्तमान में जितने कर्मचारी रह गए हैं, उनका भी अस्थाई तौर पर तबादला किया जा रहा है। अगर ये तबादले हो गए तो उनमें से कुछ कर्मचारी रिटायर हो जाएंगे और फिर वापस ही नहीं होंगे। रेल कर्मचारियों की यह नाराजगी तब सामने आई है, जब रेल प्रशासन ने 715 अधिकारियों और कर्मचारियों का बडनेरा में अस्थाई तौर पर एक साल के लिए तबादला करने का निर्णय लिया है।
रेलवे के एक जानकार के मुताबिक, रेल प्रशासन परेल वर्कशॉप को बंद करना चाहती है। यह प्रयास लंबे समय से किया जा रहा है। कभी वहां पर लंबी दूरी की गाड़ियों के लिए टर्मिनस बनाने की बातें होती हैं, तो कभी पांचवीं और छठी लाइन बिछाने की बातें होती हैं। हालांकि, मध्य मुंबई में परेल वर्कशॉप की जमीन बेशकीमती है। इसको देखते हुए परेल वर्कशॉप को बंद करने का खेल चल रहा है। केंद्र सरकार मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने की बातें करती है, लेकिन इस तरह से धीरे-धीरे एक गौरवशाली कारखाने को बंद करने पर केसे उसका सपना पूरा होगा। नैशनल रेलवे मजदूर यूनियन के महासचिव वेणु नायर कि परेल वर्कशॉप के 715 कर्मचारी और अधिकारी के तबादले का फैसला गलत है। इसीलिए रेलवे को इस फैसले को वापस लेना चाहिए।
किन कर्मचारियों और अधिकारियों का होना है तबादला
एसएसई : 10
जेई :10
टेक्निशन-1 : 500
सीनियर क्लर्क : 5
जूनियर क्लर्क: 10
हेल्पर : 180