नई दिल्ली
बिना इजाजत प्रोटेस्ट मार्च निकालने की वजह से गिरफ्तारी झेल रहे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को शनिवार को तिहाड़ जेल भेज दिया गया है. इससे पहले भीम आर्मी चीफ ने तीस हजारी कोर्ट में बेल के लिए अपील की थी, जबकि दिल्ली पुलिस 14 दिनों की न्यायिक हिरासत की मांग कर रही थी.
आखिरकार कोर्ट ने बेल अर्जी खारिज करते हुए चंद्रशेखर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया.
बता दें कि भीम आर्मी चीफ, जामा मस्जिद से मार्च की अगुवाई कर रहे थे. दिल्ली पुलिस ने शनिवार तड़के जामा मस्जिद के बाहर से उन्हें गिरफ्तार किया गया था. उनपर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान आगजनी और तोड़फोड़ करने का आरोप लगा था. इसके अलावा शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा में शामिल होने के लिए 20 अन्य उपद्रवियों को भी गिरफ्तार किया गया था.
एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा, "हमने आगजनी, तोड़फोड़ और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर समेत 21 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है. आजाद भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे." पुलिस ने सीलमपुर में हिंसा के लिए पांच और दिल्ली गेट के पास पुरानी दिल्ली से 16 लोगों को गिरफ्तार किया है.
भीम आर्मी का विरोध शुक्रवार की नमाज के बाद दोपहर एक बजे के बाद शुरू हुआ था. जामा मस्जिद में चल रहे विरोध प्रदर्शन में आजाद ने भी हिस्सा लिया था. हालांकि जब पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की, तो वह अपने समर्थकों के बीच ओझल हो गए. इसके बाद उनका और पुलिस का आपस में लुका-छिपी का खेल चलता रहा. अब पुलिस ने आखिरकार आजाद को गिरफ्तार कर लिया है.
शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए भीम आर्मी प्रमुख ने कहा था, "पुलिस सुबह से हमला कर रही है. हमने उन पर हमला नहीं किया है. मेरे पास यह साबित करने के लिए सबूत है कि आरएसएस ने हमारे खिलाफ इस हमले की योजना बनाई है. हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध जारी रख रहे हैं."
उन्होंने कहा, ''हमें बलिदान देना होगा ताकि कानून वापस लिया जाए. हम हिंसा का समर्थन नहीं करते. हम शुक्रवार सुबह से मस्जिद के अंदर बैठे थे और हमारे लोग हिंसा में शामिल नहीं थे.''
वहीं पुलिस ने कहा कि चंद्रशेखर भीड़ को उकसा रहे हैं और वह गैरकानूनी तरीके से सभाएं कर रहे हैं और भीड़ बाद में आगजनी और तोड़फोड़ में लिप्त हो जाती है.