नगर निगम और बीडीए के जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान, रहवासी हो रहे परेशान
110 flats built by BDA in Vivekananda complex, 40 shops are in ruins भोपाल. भोपाल विकास प्राधिकरण द्वारा राजधानी के कटारा हिल्स कमर्शियल कॉम्प्लेक्स तथा स्वामी विवेकानंद परिसर सेक्टर ए में बने 110 फ्लैट और 40 दुकानें खंडहर होती जा रही हैं। गौरतलब है कि इस कॉम्प्लेक्स तथा फ्लैट्स का निर्माण कार्य वर्ष 2017 में खत्म हो चुका था, इसके बावजूद यह दुकानें और फ्लैट खंडर होते जा रहे हैं। इसको लेकर इन फ्लैटों और दुकानों के मालिक कई बार नगर निगम और बीडीए के अधिकारियों से अपनी समस्या को अवगत करा चुके हैं, इसके बाद भी अब तक इन लोगों की मसस्याओं का निराकरण अभी तक नहीं किया गया।
दुकानों के सामने बनाई जानी थी 60 फीट चौड़ी सडक़
योजना के मुताबिक यहां बने फ्लैटों और दुकानों की आगे पीछे की सडक़ों निर्माण कार्य नगर निगम को कराना था। निगम ने पीछे की सडक़ तो बना दी, लेकिन मुख्य सडक़ बनाना ही भूल गया। अब इस क्षेत्र का आलम यह है कि मुख्य सडक़ के सामने खाली पड़े मैदान में उगे छोटे-छोटे पेड़ों ने बड़ी झाडिय़ों का रूप ले लिया है। इससे आसपास क्षेत्रों में जहरीले जीव जंतुओं और कीड़े मकोड़े का डर बना रहता है।
चोरी हो रहे सीवेज चेम्बर के ढक्कन
रहवासियों का कहना है कि यहां उग आई झाडिय़ों को कटवाने को लेकर निगम के कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने बहाना बनाते हुए ये काम वन विभाग पर डाल दिया। अब तो आलम यह हो गया है कि सडक़ों के पास में बने सीवेज के ऊपर लगे ढक्कन धीरे-धीरे गायब होते जा रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर इन सब समस्याओं की जवाब देही कौन निश्चित करेगा।
स्वामी विवेकानंद परिसर ए सेक्टर में 110 फ्लैट व 40 दुकानें हैं। बीडीए ने जब दुकानों को बेचा था, तब यहां सामने 60 फीट चौड़ी सडक़ बनाने की बात कही थी, जो आज तक नहीं बन पाई। यहां कनेक्टिविटी नहीं होने से लोगों ने दुकानों की ओर जाना बंद कर दिया है, जिससे दुकानें खाली पड़ी हैं। नगर निगम कें शिकायत के बाद भी काम नहीं हो रहा। बीडीए 2021 में कॉलोनी को निगम को हैंडओवर कर चुकी है।
अजय चौधरी, विवेकानंद परिसर
मेंटेनेंस नहीं करने से हालत खराब हैं। दुकानों के आवंटन के समय हमें बताया था कि सामने 80 फीट चौड़ी सडक़ होगी, पर आज तक उसका पता नहीं चला। दुकानों के सामने दिन भर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। दुकानों के ताले तोडकऱ चोरी कर ले गए। इससे दुकानें बंद करनी पड़ीं।
आलोक निगम, विवेकानंद परिसर