भोपाल
तत्कालीन शिवराज सरकार ने राज्य कर्मचारी-अधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष की थी। इस कारण अब अप्रैल से इनकी सेवानिवृत्ति होना शुरु हो जाएगी। इस एक साल में 10 हजार से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे। बड़ी संख्या में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति को देखते हुए सरकार सक्रिय हुई है। प्रयास यही है कि इसका असर सरकारी काम-काज पर न पड़े। वित्त विभाग में खजाने पर आने वाले बोझ से बचने के लिए माथापच्ची शुरू कर दी है। विभाग ने तत्कालिक तौर पर रिक्त होने वाले पदों को संविदा नियुक्तियों से भरने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसी के साथ सीधी भर्ती के पदों पर नई भर्तियां शुरू करने का भी रोस्टर बनाने की तैयारी हो रही है।
ऐसे में जहां अधिकारी वर्ग को रिटायरमेंट पर 80 लाख से 1 करोड़ रुपए और कर्मचारी को 25 से 30 लाख रुपए तक का भुगतान करना पड़ेगा। इस पर 3500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार का आकलन किया गया है, वह भी ऐसे में जब प्रदेश का खजाना खाली है। इसे लेकर सरकार पसोपेश में है। इसलिए सरकार में सेवानिवृत्ति के विकल्पों पर विचार चल रहा है। इसमें कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद 6 महीने या 1 साल की संविदा नियुक्ति दे दी जाए, जिससे रिटायरमेंट पर होने वाले भुगतान से फिलहाल बचा जा सके। हालांकि इस बारे में कोई भी खुलकर कहने से बच रहा है।