पटना
10 वर्षीय बच्चे के अपहरण के बाद यौनाचार कर उसकी हत्या करने के जुर्म में दोषी कैलाश कुमार उर्फ नेपाली को 42 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही एक लाख रुपये जुर्माना भी लगाया। बुधवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट-2 के न्यायाधीश मो. अब्दुल सलाम ने यह फैसला सुनाया।
कोर्ट ने कहा कि दोषी ने ऐसा घृणित आपराधिक कार्य किया है, जो समाज के लिए बहुत ही खराब है, इसलिए आरोपित को राहत नहीं मिलनी चाहिए। वह समाज में रहने लायक नहीं है। उसने दिमागी तौर पर ऐसा अपराध किया है। उसे अपहरण करने के जुर्म में 10 वर्ष, यौनाचार के जुर्म में 10 वर्ष और साक्ष्य छुपाने तथा अपराध से बचने के लिए पुलिस-प्रशासन को गुमराह करने के लिए दो वर्ष और हत्या करने के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। एक लाख रुपये का दंड भी लगाया गया है।
कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि दोषी की सभी सजा एक साथ नहीं चलेंगी, बल्कि एक सजा काटने के बाद दूसरी सजा काटनी होगी। हत्या में उम्रकैद की सजा काटने के बाद उसे अपहरण की सजा काटनी होगी। उसके बाद यौनाचार के अपराध की सजा काटनी होगी। उसके बाद साक्ष्य छुपाने के जुर्म में सजा काटनी होगी।
वर्ष 2013 की वारदात
गौरतलब है कि यह घटना दीघा थाने के कुर्जी स्थित मगध कॉलोनी में 10 अप्रैल, 2013 को हुई थी। इसमें कैलाश कुमार उर्फ नेपाली ने एक 10 वर्षीय बच्चे को अपहरण कर लिया। यौनाचार करने के बाद ईंट से कुचलकर उसकी हत्या कर दी थी। साक्ष्य छुपाने और इस अपराध से बचने के लिए आरोपित ने पुलिस प्रशासन को गुमराह किया था। इस मामले में अभियोजन की ओर से 11 अभियोजन गवाहों को पेश किया गया था। वहीं, आरोपित नेपाली को जिला विधिक प्राधिकार पटना की ओर से वकील दिगंबर कुमार सिंह मुहैया कराए गए थे।