नई दिल्ली
वित्तीय संकट से जूझ रहे आम्रपाली ग्रुप के हाउजिंग प्रॉजेक्ट अटक गए हैं। अब होमबायर सुप्रीम कोर्ट से मांग कर रहे हैं कि महेंद्र सिंह धोनी से 42.22 करोड़ रुपये वसूले जाएं। होमबायर SC में अर्जी देने वाले हैं कि क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को इस ग्रुप ने जो 42 करोड़ की फीस दी है, उसकी वसूली की जाए। 23 जुलाई के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि आम्रपाली ग्रुप ने होमबायर्स के 42.22 करोड़ रुपये अपने ब्रैंड ऐंबेसडर धोनी को दिए और यह भुगतान धोनी की हिस्सेदारी वाली कंपनी रीति स्पोर्ट्स को किया गया। कोर्ट ने आम्रपाली के अधिकारियों से कहा था कि इस पैसे को कोर्ट में जमा करवाया जाए। हालांकि कोर्ट ने धोनी पर कोई टिप्पणी नहीं की थी।
होमबायर्स के ऐडवोकेट एमएल लहोटी ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट से मांग करेंगे कि धोनी को पैसे वापस करने के निर्देश दिए जाएं। 23 जुलाई के फैसले की बात करते हुए लहोटी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया है कि कंपनी के प्रबंधन ने आम्रपाली और रीति स्पोर्ट्स के बीच पैसे ट्रांसफर करने को लेकर अग्रीमेंट हुआ था और यह राशि वसूल की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी लेकिन अब सुनवाई 16 दिसंबर तक के लिए टाल दी गई है। देखा गया है कि आम्रपाली की सहयोगी कंपनी सफायर डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 6.52 करोड़ का भुगतान किया। जबकि 2009 से 15 के बीच आम्रपाली ग्रुप के द्वारा रीति स्पोर्ट्स को कुल 42.22 करोड़ का भुगतान किया गया। ऑडिटर्स रिपोर्ट में कहा गया है कि यह भुगतान आम्रपाली के सीएमडी अनिल शर्मा की सहमति पर रीति स्पोर्ट्स को किया गया।
इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि स्पॉन्शरशिप अग्रीमेंट के तहत आईपीएल 2015 के दौरान चेन्नै सुपरकिंग्स के मैच के दौरान आम्रपाली के लोगो प्रदर्शित करने पर भी समहमति बनी थी हालांकि यह एक प्लेन पेपर डील थी जो कि सिर्फ आम्रपाली और रीति स्पोर्ट्स के बीच थी। इस पर चेन्नै सुपरकिंग्स के किसी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं थे।