यंगस्टर्स की सबसे बड़ी समस्या बन रहा है लोअर बॉडी पार्ट और हिप एरिया पर बढ़ता फैट। इस फैट का कारण है, लंबी सिटिंग जॉब। कई घंटे एक ही जगह बैठे रहने के कारण आमतौर पर पुरुषों के पेट पर फैट बढ़ता है महिलाओं के कमर के निचले हिस्से और थाई पर। अब फैट से बचने के लिए जॉब तो नहीं छोड़ सकते! लेकिन फिट भी रहना है…इसलिए हम आपके लिए लाए हैं ऐसे दो योगासन जिन्हें करने से ना तो आपके पेट पर फैट जमा होगा ना ही हिप एरिया पर…
नोयडा स्थित गौतम स्कूल ऑफ योगा के ट्रेनर हरेंद्र गौतम का कहना है कि सिटिंग जॉब के कारण यंगस्टर्स के लोअर बॉडी पार्ट में तेजी से बढ़ता फैट उन्हें सेहत संबंधी कई तरह की परेशानियां दे रहा है। इससे बचने लिए योग करना और फिटनेस कॉन्शस रहना तो जरूरी है ही। साथ ही आपको अपने डिनर की टायमिंग पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। कोशिश करें कि बिस्तर पर जाने से कम से कम दो घंटे पहले डिनर जरूर ले लें।
-तितली आसन करने के लिए आप सुखासन में बैठ जाएं, अपनी सांस को नॉर्मल करें। अब धीरे-धीरे दोनों पैरों के तलुओं को एक-साथ मिलाएं और दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाते हुए दोनों पैर के पंजे मुट्टी में होल्ड कर लें।
-अब दोनों थाई को तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे मूव करें। आप यह आसन हर दिन 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं। इससे पेल्विक मसल्स को टोन करने में मदद मिलती है। हिप और थाई का फैट कम होता है। पेट पर चढ़ी चर्बी हट जाती है और बैक पेन में आराम मिलता है।
तितली आसन करने से लड़कों को पेट निकलने की दिक्कत नहीं होती है। और लड़कियों में कमर के निचले हिस्से और थाई पर फैट जमा नहीं होता है। इसलिए अगर आप सिटिंग जॉब में हैं तो हर दिन कम से कम 5 मिनट तितली आसन जरूर करें। इसे इंग्लिश में बटरफ्लाई पोज़ के नाम से भी जाना जाता है।
यह आसन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होनेवाली समस्याओं से निजात दिलाता है। जैसे क्रैंप्स, अनियमितता, लोअर बॉडी पार्ट में तेज दर्द और बेचैनी। लेकिन इस बात का खास ध्यान रखें कि महिलाओं को यह आसन पीरियड्स के दौरान नहीं करना चाहिए। इस समय में आप केवल वॉक करें।
-तितली आसन पैरों की और खासतौर पर जांघों की मसल्स को मजबूत बनाता है। इससे घुटनों पर एक्स्ट्रा दबाव नहीं पड़ता और वेट कंट्रोल में रहने से आप अच्छा और एनर्जेटिक फील करते हैं।
-स्क्वॉड पोजिशन को मलासन के रूप में जाना जाता है। इस आसन को करने के लिए आप एक स्थान पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने पैरों के बीच एक से डेढ़ फीट का गैप बनाएं और घुटनों से पैर मोड़कर कुर्सी पर बैठने की पोजिशन मेंटेन करके रखें।
-फोटो में आप देख सकते हैं कि आपको ना तो कुर्सी पर बैठना है और ना ही उकड़ू (इंडियन टॉइलट में बैठनेवाला पोश्चर) बैठना है। आप स्क्वॉड पोजिशन में खुद को जितनी देर हो सके होल्ड करें। यह प्रक्रिया आपको 15 से 20 बार दोहरानी है। आप इसके 2 से 3 सेट एक बार में कर सकते हैं। हर सेट के बीच 10 से 15 सेकंड का ब्रेक लें।
-कुछ दिन इस पोजिशन की प्रैक्टिस करने के बाद जब आपकी मसल्स फ्लैग्जिबल हो जाएंगी तब आप पूरी तरह स्क्वॉड पोजिशन करने में सक्षम हो जाएंगे। शुरुआती तौर पर अपनी मसल्स पर बहुत अधिक दबाव नहीं डालना चाहिए। बल्कि मसल्स को धीरे-धीरे लचीला बनाने का प्रयास करना चाहिए।
-बेहतर रिजल्ट के लिए आप स्क्वॉड पोजिशन योग सुबह और शाम कभी भी कर सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि हेवी मील लेने यानी खाना खाने के बाद कम से कम तीन घंटे का गैप जरूर रखें। खाना खाने के बाद कभी भी योग नहीं करना चाहिए। भोजन और योग प्रैक्टिस के बीच एक आदर्श टाइमिंग 4 घंटे की मानी जाती है।