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हिंसा के बाद बोला जामिया शिक्षक संघ- संविधान के खिलाफ है नागरिकता कानून और NRC

 नई दिल्ली 
नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर जामिया के शिक्षक संघ ने बुधवार को कहा कि सीएए संविधान के खिलाफ है। वहीं जामिया में हिंसा पर शिक्षक संघ ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन सबका हक है। लेकिन जिस तरह अनभिज्ञ छात्रों को पीटा गया वह दुखद है। जामिया की संपत्ति का जो नुकसान हुआ है उनकी भरपाई हो।

शिक्षक संघ ने कहा कि हम पुलिस के हमले का विरोध करते हैं उन्होंने यहाँ की रिवायत भी नहीं देखी। इससे ज्यादा राष्ट्र विरोध और क्या होगा कि जब पुलिस कैम्पस में घुसकर छात्रों को मारा। जामिया वसुधैव कुटुम्बकम का उदाहरण है। क्योंकि विश्व के तमाम देशों के छात्र यहाँ पढ़ते हैं। शिक्षक संघ ने मांग की कि पुलिस के खिलाफ एक्शन लिया जाए। छात्रों के खिलाफ अगर केस है तो वापस लिया जाए। कोई सरकारी एजेंसी छात्रों को तंग न करें।

शिक्षक संघ का कहना है कि कल जामिया ने ऑनलाइन एफआईआर रजिस्टर्ड करा दी है। जामिया के शिक्षकों का कहना है कि पुलिस द्वारा हुए नुकसान की सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराई जाए। इसके अलावा बुधवार को देश के तमाम विश्वविद्यालय द्वारा मिले समर्थन के बाद जामिया के शिक्षकों ने मार्च भी निकाला था। 

करीब 200 शिक्षकों ने अपने हाथों तख्तियां ले रखीं थी जिन पर लिखा था, 'मैं जामिया के साथ, 'मैं सीएए के विरोध में। कई अन्य पर संदेश लिखे थे जिनमें समर्थन करने वाले विश्वविद्यालयों के प्रति आभार व्यक्त किया गया था। मार्च में शामिल शिक्षकों ने भारत का एक बड़ा नक्शा ले रखा था जिस पर देशभर के उन स्थानों को दिखाया गया था, जहां विश्वविद्यालय परिसरों में प्रदर्शन हो रहे हैं।
 

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