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हाई-टेक ‘आंख’ से होगी राम मंदिर की निगरानी

लखनऊ
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर की सुरक्षा बेहतर करने के लिए 67.7 एकड़ में फैले राम जन्मभूमि परिसर में 18 करोड़ रुपये की लागत से हाई-ऐंड सीसीटीवी सर्विलांस नेटवर्क बनाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को इसके लिए बोलियां मंगाई है। इसे बड़े प्रॉजेक्ट के तहत पूरे इलाकों के कवर करने के लिए सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे लगेंगे।

राज्य का गृह विभाग चाहता है कि अगले महीने के आखिर तक कॉन्ट्रैक्ट होने के तीन महीने बाद सर्विलांस सिस्टम तैयार हो जाए। राम मंदिर का निर्माण 2 अप्रैल को राम नवमी के दिन प्रतीकात्मक समारोह से शुरू हो सकता है। सरकार ने मंदिर, पार्किंग, श्रद्धालुओं के आराम के साधन, परिक्रमा के लिए व्यवस्था, रसोईघर, गौशाला, प्रदर्शनी, संग्रहालय और आरामघर बनाने के लिए पूरे 67.7 एकड़ के परिसर को नवगठित ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट को सौंपने का फैसला किया है।

राम मंदिर का निर्माण व्यापक सुरक्षा के बीच होगा। इसके लिए साइट पर सीआरपीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस पीएसी जैसे सुरक्षा बल मौजूद रहेंगे और सीसीटीवी सिस्टम सुरक्षा व्यवस्था में अहम भूमिका निभाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार के लिए यूपी राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड प्रॉजेक्ट की देखरेख करेगा।

24 घंटे होगी निगरानी
एक साथ 50 स्क्रीन की निगरानी करने में सक्षम विडियो दीवारों के साथ एक कमांड और कंट्रोल रूम को परिसर के ‘रेड जोन’ में लगाया जाएगा, जहां सीसीटीवी की लाइव फीड की 24/7 निगरानी की जाएगी। सीसीटीवी सिस्टम फेस रिकग्निशन सिस्टम और क्रिमिनल रिपॉजिटरी एक्सेस से लैस होगा। अगर कोई कैमरे से छेड़छाड़ करता है तो अलार्म बजने लगेगा। बिड डॉक्युमेंट के मुताबिक, सीसीटीवी सिस्टम एनालिटिक्स के लिए 3डी कैलिब्रेटेड आर्टिफिशल इंटेलिजेंस करने में भी सक्षम होगा।

19 फरवरी को ट्रस्ट की बैठक
राम मंदिर निर्माण शुरू होने से पहले एक बड़ा काम परिसर में रामलला को टेंट से परिसर में किसी और जगह स्थापित करना है ताकि श्रद्धालु निर्माण कार्य जारी रहने तक उनकी पूजा जारी रख सकें। ये सभी निर्णय 19 फरवरी को दिल्ली में राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की पहली अनौपचारिक बैठक के बाद लिए जा सकते हैं।

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