हाईकोर्ट का निर्देश: बिना देरी पटना के हर भाग से कचरा का उठाव करे निगम

पटना                                                                                                                                                                             
पिछले दिनों पटना शहर में हुए भीषण जलजमाव पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए सरकार को निर्देश दिया कि छठ पर्व के पूर्व शहर की साफ-सफाई हो जानी चाहिए। कहा, बिना देरी किए शहर के हर भाग से कचरा का उठाव करें। कोर्ट ने कहा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जलजमाव की त्रासदी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों  के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। कोर्ट ने राज्य सरकार को जल निकासी आदि पर किए गए खर्च की रिपोर्ट दायर करने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि गड़बड़ी पाए जाने पर कमेटी गठित कर या एसआईटी से जांच करने से कोर्ट पीछे नहीं हटेगा।

शुक्रवार को न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय तथा न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने नवीन कुमार सिंह व अन्य की ओर से दायर लोकहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे थे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि लगभग सभी क्षेत्रों की कहानी एक समान है। कहीं जलजमाव से लोग परेशान हैं तो कहीं कचरा से। डोर टू डोर कचरा उठाव लगभग ठप पड़ा है। ठेकेदार काम नहीं कर रहे हैं। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है।  

वहीं महाधिवक्ता ललित किशोर ने जलजमाव हटाने के लिए की जा रही कार्रवाइयों का पूरा ब्योरा कोर्ट में पेश किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार काफी संवेदनशील है। सरकारी कर्मी छठ पूजा के पूर्व समस्या से निजात दिलाने के लिए दिन रात एक किये हुए हैं। उन्होंने कहा कि आमलोग भी सहयोग करे।

कोर्ट में उपस्थित वकीलों ने सरकारी कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि निगम को बंद कर देना चाहिए। किसी भी वार्ड के पार्षद, मेयर, डिप्टी मेयर कुछ नहीं कर रहे हैं। सिर्फ बयानबाजी और पद की आपसी लड़ाई के अलावा कोई काम नहीं दिख रहा है। कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 6 नवंबर तय की।

वकीलों ने भी सुनायी समस्या
पिछले दिनों हुए जल-जमाव और उससे फैली गंदगी को लेकर पटना हाईकोर्ट में शोर-शराबा के बीच वकीलों ने अपनी बात रखीl आरोप लगाया कि पिछली तारीख को जो आदेश दिया गया था उसका पालन नहीं किया गया। शहर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। कचरे सड़क पर हैं। वकील अपने-अपने मुहल्ले की समस्याओं को गिनाने लगे। कहा कि जलजमाव पर 30 साल से सुनवाई चल रही है। तीन सौ से ज्यादा बार आदेश हो चुका है।

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