मध्य प्रदेश

स्व-रोजगार योजनाओं से 3,434 बेरोजगार बने व्यवसायी

 भोपाल
प्रदेश में इस वर्ष मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना से 3 हजार 434 बेरोजगार स्वावलंबी बने हैं। इन्हें परियोजना लागत पर कुल 116 करोड़ 35 लाख रूपये की अनुदान राशि प्रदान की गई है। इन्हें 3 करोड़ 14 लाख रूपये की अनुदान सहायता भी दी गई है। मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में 2,671 हितग्राही लाभान्वित हुए। इन्हें कुल 3 करोड़ 38 लाख अनुदान सहायता दी गई। मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में 763 हिताग्राहियों को एक करोड़ 9 लाख रूपये अनुदान सहायता देकर व्यवसाय उन्नयन का लाभ दिया गया।

मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना में परियोजना लागत का न्यूनतम 50 हजार और अधिकतम 10 लाख तक राशि उद्यमियों को दी जाती है। कढ़ाई, वस्त्र बुनाई, बाँस शिल्प, काष्ठ शिल्प, वस्त्रों पर हाथ से छपाई, बर्तन उद्योग, कागज के थैले और लिफाफे बनाना, खेल का सामान, पत्थर शिल्प, संगमरमर की कलाकृतियाँ बनाने की इकाइयों के उन्नयन के लिए सहायता दी जाती है। मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में शिल्प कार्य से संबंधित गतिविधियों में शिल्पियों को उद्यम की स्थापना और उपकरण खरीदने के लिए कार्यशील पूंजी के रूप में अधिकतम 50 हजार की परियोजना लागत पर अनुदान दिया जाता है।

छिन्दवाड़ा में बने वस्त्रों का महानगरों में विक्रय करने के लिए सर्वे

छिन्दवाड़ा जिले में सौंसर के हाथकरघा वस्त्रों की बाजार में मांग को देखते हुए संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प और हाथकरघा विकास निगम ने पहल शुरू की है। राजधानी भोपाल सहित देश के पाँच बड़े नगर मुम्बई, दिल्ली, चेन्नई और बैंगलुरू में सौंसर के वस्त्रों के विक्रय के लिये सर्वे किया जा रहा है। हाथकरघा संचालनालय ने सौंसर के पारम्परिक वस्त्रों की मांग में वृद्धि के लिए नवीन उत्पादन विकास के लिए सात लाख रूपये की राशि स्वीकृत की है। छिन्दवाड़ा के वस्त्रों में उत्पादन विविधता, अद्यतन डिजाइन, आकर्षक रंग संयोजन के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि बुनकरों को निरन्तर रोजगार मिले और उनकी आय बढ़े। इस उद्देश्य से उन्हें पारम्परिक साड़ी, सूट, क्लाथ, ड्रेस मटेरियल तक सीमित न रखते हुए विभिन्न पेटर्न में कार्य के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बाजार के ट्रेड के अनुसार बुनकरों द्वारा टसर और कॉटन शर्ट तथा अन्य ट्रेड के अनुसार उत्पाद तैयार करवाने की पहल की गई है। मृगनयनी एम्पोरियम नए उत्पादों की बिक्री में विशेष सहयोगी होंगे।

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