धमतरी
कलेक्टर रजत बंसल ने आज स्वास्थ्य विभाग के अधीन जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक लेकर जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का समुचित क्रियान्वयन नहीं होने पर असंतोष जाहिर करते हुए सभी बीएमओ, बीपीएम और सेक्टर सुपरवाइजरों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सप्ताह भर में कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। इसके बाद भी फील्ड विजिट के दौरान यदि सुधार नहीं आता है तो निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने साफ तौर पर कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं व सेवा गुणवत्ता में गिरावट बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिला स्वास्थ्य समिति एवं जीवनदीप समिति की बैठक आज सुबह कलेक्टर श्री रजत बंसल ने ली, जिसमें विभाग की विभिन्न योजनाओं में जिले में निकृष्ट प्रदर्शन पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यगत सुविधाएं प्राथमिक आवश्यकताओं में शामिल हैं और कार्यक्रमों के जमीनी स्तर पर खराब प्रदर्शन काफी गम्भीर बात है। कलेक्टर ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के तहत मातृ स्वास्थ्य, टीकाकरण, क्षय रोग, टी.बी. हाइपरटेंशन, कृमिनाशक एवं विटामिन दवापान, एनआरसी में बेड आॅक्यूपेंसी, गर्भवती महिलाओं में रक्तालपता, डेंगू नियंत्रण कार्यक्रम सहित विभिन्न बीमारियों की विकासखण्डवार समीक्षा की। कुपोषित बच्चों को एनआरसी मगरलोड में मात्र 77 प्रतिशत बेड आॅक्यूपेंसी पर भी नाराजगी जाहिर करते हुए बीएमओ को इसकी जवाबदेहिता निर्धारित करने के निर्देश बैठक में दिए।
उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मगरलोड की बीएमओ डॉ. शारदा ठाकुर, बीपीएम श्री मनोज पटेल, नगरी के डॉ. डीआर ठाकुर, बीपीएम श्री हितेन्द्र कुमार, सीएचसी गुजरा की डॉ. वंदना व्यास, बीपीएम श्रीमती श्वेता परमार और कुरूद के डॉ. जे.पी. दीवान व बीपीएम श्री रोहित पाण्डेय के अलावा जिले में पदस्थ सभी सेक्टर सुपरवाइजरों को उनके द्वारा स्वास्थ्य कार्यक्रमों में बेहतर प्रदर्शन नहीं करने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसी तरह कैटरेक्ट (नेत्र रोग) के संबंध में गम्भीरता से सर्वे नहीं करने वाले नगरी ब्लॉक के छह नेत्र सहायकों को भी नोटिस जारी करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.के. तुर्रे को दिए। उन्होंने आयुर्वेद विभाग के चिकित्सकों के माध्यम से स्वास्थ्य कार्यक्रमों में छूटे हुए लोगों को रडार में लाने के ग्राम स्तर पर सर्वे कराने के निर्देश दिए।