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स्पेशल पैसेंजर ट्रेनों में यात्रा के लिए 30 दिन पहले तक रिजर्वेशन टिकट ले पाएंगे

रेलवे ने 1 जून से चलने वाली स्पेशल ट्रेनों के टिकट बुकिंग के लिए धीरे-धीरे खोलने लगा टिकट खिड़कियां

नई दिल्ली. वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देश भर में लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में जहां अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के साथ ही घरेलू उड़ानें भी बंद पड़ी हैं। 25 मई से इसमें ढील देते हुए कुछ शहरों के लिए घरेलू उड़ानें शुरू की जा रही हैं। वहीं करीब दो महीने से थमे ट्रेन के पहिए भी एक जून से पटरी पर दौडऩे लगेंगे। अब इन स्पेशल पैसेंजर ट्रेनों में यात्रा के लिए यात्री 30 दिन पहले तक रिजर्वेशन टिकट ले पाएंगे। पहले रेलवे ने यात्रा से 7 दिन पहले तक ही टिकट बुकिंग की अनुमति दी थी, जिसे बढ़ाकर अब 30 दिन कर दिया गया है।

इसके साथ ही रेलवे ने 1 जून से चलने वाली स्पेशल ट्रेनों के टिकट बुकिंग के लिए धीरे-धीरे सभी टिकट खिड़कियां खोलने जा रहा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया कि अब तक एक हजार से ज्यादा टिकट काउंटर्स खुल चुके हैं और जरूरत के अनुसार आगे भी काउंटर्स खुलते रहेंगे। इसके साथ ही एजेंट, पोस्ट ऑफिस, कॉमन सर्विस सेंटर्स आदि को भी टिकट उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई है। पहले सिर्फ आईआरसीटीसी की वेबसाइट और ऐप से ही टिकट बुकिंग की अनुमति थी।

रिजर्वेशन अंगेस्ट कैंसलेशन वालों को बताया कि आरएसी टिकट के कन्फर्म होने की पूरी संभावना है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने प्रेस कॉन्फे्रंस के दौरान कहा, कि हमने सिर्फ कन्फर्म टिकट पर ही यात्रा की अनुमति दी है। साथ ही एनरूट टिकट बिल्कुल मना किया हुआ है। रास्ते में किसी यात्री को चढऩे की अनुमति नहीं है, इसलिए आरएसी टिकट के कन्फर्म होने की पूरी संभावना है।

सिर्फ कन्फर्म टिकट पर यात्रा तो वेटिंग लिस्ट क्यों
सिर्फ कन्फर्म टिकट पर यात्रा के नियम के बावजूद वेटिंग लिस्ट के टिकट दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वेटिंग लिस्ट इसलिए दिया, क्योंकि पहले ट्रेनों में देखा गया कि कुछ लोग ट्रेन खुलने के वक्त टिकट कैंसल कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘अब वेटिंग लिस्ट की व्यवस्था होने के कारण कैंसल टिकटों से खाली बर्थ को बाकी लोगों से भरा जाएगा।

क्या महंगा कर दिया गया है रेल टिकट
क्या स्पेशल ट्रेनों में पहले के मुकाबले ज्यादा किराया वसूला जा रहा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने इस अंदेशे को पूरी तरह खारिज करते हुए बताया कि लॉकडाउन से पहले जो टिकट प्राइस थी, आज भी वही है। किसी टिकट पर एक भी पैसा ज्यादा नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहां तक बात खास यात्रियों को टिकट किराए पर मिलने वाली छूट का सवाल है, तो लॉकडाउन से पहले कुछ छूटों पर रोक लगा दी गई थी, खासकर बुजुर्गों को मिलने वाली छूट पर।

वह इसलिए किया गया था कि संकट की स्थिति में लोगों का साथ मिले। यादव ने कहा, ‘टिकट फेयर में रियायत की वही व्यवस्था आज भी लागू है। उन्होंने बताया कि कुछ ट्रेनों में महज 30 प्रतिशत सीटें ही बुक हुई हैं, हालांकि कुछ ट्रेनों में 100 प्रतिशत सीटें बुक हो चुकी हैं।

अगले 10 दिनों में 36 लाख लोगों को कराएंगे यात्रा
प्रवासी श्रमिकों से उन्हें उनके घर पहुंचाने का वादा करते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि जब तक आखिरी प्रवासी श्रमिक अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच जाते, तब तक रेलवे की तरफ से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलती रहेंगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए हमने योजना बना रखी है कि अगले 10 दिनों में 36 लाख लोगों को यात्रा करवाएंगे। उन्होंने कहा, ‘अब तक 35 लाख प्रवासी श्रमिक एक राज्य से दूसरे राज्य गए, जबकि करीब 10 लाख श्रमिक राज्य के अंदर सफर कर सके हैं।

2,600 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें यात्रा पूरा कर चुकी हैं। 1 मई से अब तक 35 लाख से ज्यादा यात्रियों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाया जा चुका है।’ यादव ने कहा, ‘राज्य सरकारों के साथ रेलवे ने सभी श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाने की योजना बना रखी है। जब तक हरेक प्रवासी श्रमिक को उनके गंतव्य तक नहीं पहुंचा लेते तब तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलती रहेंगी।’

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