भोपाल
डीजीपी वीके सिंह को हटाए जाने और राजेंद्र कुमार को प्रदेश पुलिस का नया मुखिया बनाए जाने की खबरों के बीच में स्पेशल डीजी मैथिली शरण गुप्त ने भी अपने को डीजीपी बनाने का दावा ठोक दिया है। दावे के रूप में उनका एक मैसेज सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। देश भर में यह संभवत: पहला मामला है जब किसी अधिकारी ने खुद को किसी प्रदेश में डीजीपी बनाने के लिए सोशल मीडिया पर लॉबिंग शुरू की हो।
मैसेज में गुप्त ने लिखा है कि वे अपनी क्षमताओं का प्रकटीकरण राज्य सरकार के सामने नहीं करेंगे, लेकिन वह पूरी क्षमता रखते है कि वे एक बेहतर पुलिस व्यवस्था दें पाएं। स्पेशल डीजी पुलिस रिफॉर्म मैथिली शरण गुप्ता ने लिखा है कि पत्रकारों और सार्वजनिक हस्तियों को पुलिस की असली रक्षक और जनता के सहायक के रूप में बदलने की क्षमता के लिए आगे आना चाहिए। मुझ में क्षमता है राज्य में पुलिस की व्यवस्था को सुचारू करने की। इसमें पुलिस के साथ सामुदायिक सहभागिता के बड़े स्तर पर काम करना चाहता हूं। सामुदायिक सहभागिता करने वालों को इनाम दिया जाना चाहिए। उन्होंने लिखा है कि वे अपनी क्षमताओं का प्रकटीकरण राज्य सरकार के सामने नहीं करेंगे, लेकिन वह पूरी क्षमता रखते है कि वे एक बेहतर पुलिस व्यवस्था दें पाएं।
सरकार सोमवार को इंदौर हाईकोर्ट में स्पेशल डीजी सायबर सेल राजेंद्र कुमार को हनीट्रैप मामले में बनी एसआईटी चीफ से हटाए जाने की अनुमति के लिए आवेदन दे सकती है। आवेदन में बताया जा सकता है कि उन्हें डीजीपी बनाया जा रहा है, इसलिए उन्हें एसआईटी चीफ के दायित्वों से मुक्त किया जाए। उनकी जगह पर स्पेशल डीजी या एडीजी रैंक के अन्य अफसर को एसआईटी चीफ बनाने की जानकारी भी आवेदन में दी जा सकती है।
प्रदेश में डीजी रैंक के 12 पद हैं। फिलहाल प्रदेश कॉडर में 16 अफसर डीजी रैंक पर है, इनमें से चार प्रतिनियुक्त पर हैं। इस वक्त डीजी रैंक के अफसरों के क्रम में सबसे ऊपर 1985 बैच के वीके सिंह हैं। इनके बाद इसी बैच के मैथिली शरण गुप्ता, संजय चौधरी हैं। 1985 बैच के अशोक दोहारे, राजेंद्र कुमार, महान भारत सागर हैं। वहीं 1986 बैच के शैलेंद्र श्रीवास्तव, केएन तिवारी, अनिल कुमार, पुरूषोत्तम शर्मा, संजय राणा और वर्ष 1987 बैच के विजय यादव हैं। वहीं, ऋषि कुमार शुक्ला, विवेक कुमार जौहरी, आलोक कुमार पटैरिया और सुधीर कुमार सक्सेना प्रतिनियुक्ति पर हैं।