भोपाल
प्रदेश में शिक्षा का अधिकार कानून की धारा-17 के अंतर्गत स्कूलों में शारीरिक दण्ड को समाप्त करने के लिये शासकीय सरोजनी नायडू स्कूल में अभिमुखीकरण कार्यशाला आयोजित की गई। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सलाहकार रजनीकांत ने स्कूलों में बच्चों को शारीरिक दण्ड दिये जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों का सहज विकास अवरुद्ध होता है और वे हीन भावना से ग्रसित हो सकते हैं। रजनीकांत ने बच्चों को शारीरिक दण्ड दिये जाने को सर्वथा अनुचित बताया।
कार्यशाला में राज्य शिक्षा केन्द्र के प्रभारी अधिकारी रमाकांत तिवारी ने धारा-17 की व्याख्या की। राष्ट्रीय बाल भवन एवं राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य विभांशु जोशी ने शारीरिक दण्ड को समाप्त करने के लिये किये जा रहे प्रयासों और कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी।
कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों के 3-3 प्रायवेट स्कूलों के प्रतिनिधि और भोपाल तथा नर्मदापुरम् संभाग के 20 शासकीय स्कूलों के प्राचार्यों ने भाग लिया।