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सैलरी को तरसे गगनयान यात्री, मिशन पर ग्रहण!

बेंगलुरु
भारत का अगला स्पेस मिशन 'गगनयान' है। 2022 में जाने वाले इस मिशन के लिए चार यात्रियों का चुनाव किया जा चुका है। भारतीय एयरपोर्स के इन चार पायलट्स को ट्रेनिंग के लिए रूस भेजा गया है। हालांकि, कागजी कार्यवाही में देरी और लालफीताशाही के चक्कर में इन यात्रियों को मिलने वाली सैलरी और अन्य सुविधाओं में देरी हो रही है। चार यात्रियों में से एक या दो लोगों को ही अंतरिक्ष में भेजा जाना है। यह भारत का पहला मानव युक्त अंतरिक्ष मिशन होगा।

सूत्रों के मुताबिक, 10 फरवरी से इन यात्रियों का 12 महीने वाला ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू हो गया है। इसके बावजूद इनको मिलने वाले गवर्नमेंट सैंक्शन लेटर (जीएसएल) पर अभी तक ना तो दस्तखत हुए हैं और ना ही उन्हें जारी किया गया है। इस मिशन के लिए ग्रुप कैप्टन रैंक के चार पायलट्स का चुनाव किया गया है। 20 से 24 साल की सर्विस कर चुके ये पायलट्स यहां तक पहुंतने के लिए लगभग 60 स्क्रीनिंग टेस्ट पास कर चुके हैं। रूस के ओब्लास्ट में स्थित यूरी गगारिन रिसर्च ऐंड टेस्टिंग कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर (जीसीटीसी) में ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है।

10 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च
इस मिशन के लिए इसरो ने 2020-2021 के बजट में 4257 करोड़ रुपये की मांग रखी थी। इसमें से उसे सिर्फ 1200 करोड़ रुपये ही अलॉट हुए हैं। 2018 में केंद्रीय कैबिनेट की घोषणा के मुताबिक, 2022 में जाने वाले इस मिशन में यात्रियों को भेजने और उन्हें वापस सुरक्षित लाने का कुल खर्च लगभग 10 हजार करोड़ रुपये आ सकता है।

एक सूत्र ने बताया कि जीएसएल यानी सरकारी ऑर्डर मिले बिना पायलट्स को उनकी सैलर, अलाउंस और रूस में रहने के लिए उचित जगह नहीं मिल सकती है। ना ही उनके परिवार रूस में उनके साथ रह सकते हैं। फिलहाल के लिए इसरो की ओर से उन्हें ऐड हॉक कर्मचारी की तरह सैलरी दी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, अभी विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच इस बात को लेकर सहमति नहीं बन पाई है कि इन चारों पायलट्स को कांसुलर स्टेटस (consular status) दिया जाए या नहीं।

गगनयान मिशन की पूरी जिम्मेदारी इसरो की
एयरफोर्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'गगनयान मिशन के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार संस्था इसरो है। अंतरिक्ष विभाग की जिम्मेदारी है कि वह टेस्टिंग पायलट्स की कागजी कार्यवाही को पूरा करे। उन्होंने यह काम नहीं किया है। हमें बताया गया है कि वित्त विभाग की ओर से क्लीयरेंस की इंतजार किया जा रहा है।'

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