छत्तीसगढ़

सैकड़ों बेरोजगारों से लाखों ठगकर फर्जी डिग्री बांटने वाला दुर्ग से गिरफ्तार

रायपुर
सिविल लाइन इलाके के मठपारा, पंडरी में शैक्षणिक संस्थान खोलकर फर्जी डिग्री बांटने वाले संचालक को मंगलवार पुलिस ने दुर्ग से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित शैलेंद्र कुमार ग्वालरे ने पैसे ठगकर कई बेरोजगारों को कार्यालय बुलाकर बीएएमएस, बी फार्मा सहित कई डिग्रियां बांट दी थी। शिकायत पर पुलिस ने आज ही उसके खिलाफ चार सौ बीसी का केस दर्ज किया था। अब आरोपित से पूछताछ कर रही है।

सिविल लाइन थाना प्रभारी सुशांतो बनर्जी ने बताया कि मूलतः मप्र के भानपुर, थाना बजाग (डिंडौरी) निवासी 12वीं पास जनक दास सोनवानी पेशे से पेंटर है। 2013 में कवर्धा जिले के ग्राम धुरकुटा निवासी पूर्व परिचित प्रकाश दास और ग्राम कामटी के श्रवण कुमार ने उसे बताया था कि रायपुर में शैलेंद्र ग्वालरे ने इंडियन अल्टरनेटिव मेडिकल कॉलेज खोला है, जो पैसा लेकर डिग्री देता है।

दोनों के कहने पर जनक दास भी रायपुर आया। पंडरी के मठपारा स्थित इंडियन अल्टरनेटिव मेडिकल कालेज शिक्षण संस्थान में तीनों संस्था डायरेक्टर शैलेन्द्र ग्वालरे मिले। बातचीत करने के बाद शैलेंद्र ने प्रकाश दास एवं श्रवण माथुर से 45-45 हजार रुपये ले लिया।

साल भर बाद दोनों को डीएएमस की डिग्री उसने दी। 4 अक्टूबर को जनक दास ने फोन पर शैलेंद्र से बात की और डीएएमस की डिग्री देने को कहा तब उसने 60 हजार रुपये की मांग की। जनक दास ने 40 हजार रुपये की व्यवस्था होने की बात कही तब वह मान गया।

उसके बुलावे पर 6 अक्टूबर को दोपहर घड़ी चौक पहुंचा और वहां पर 40 हजार रुपये शैलेंद्र को दिया। बाद में जनक दास को पता चला कि शैलेन्द्र ग्वालरे फर्जी डिग्री दे रहा है तब उसने पैसे लौटने को कहा तो वह टालमटोल करने लगा। बाद में मोबाइल भी स्वीच ऑफ कर दिया। शिकायत पर पुलिस ने ठगी का केस दर्ज कर शैलेंद्र ग्वालरे को गिरफ्तार कर लिया।
 
जांच में खुलासा हुआ कि शैलेंद्र ग्वालरे ने सैंकड़ों लोगों से पैसे लेकर उन्हें डीएएमएस, एमबीबीएस, बीएएमएस आदि की फर्जी डिर्गी बांट चुका है। रायपुर निवासी सुनीता उपाध्याय एवं सुरेखा गोस्वामी को भी बिना कोर्स कराए उसने डिग्री दी है।

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