सर्दियों का मौसम दस्तक दे चुका है। यूं तो इस मौसम में सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है, लेकिन विभिन्न रिसर्च में यह भी साबित हुआ है कि सर्दी का मौसम कई तरह से सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इस मौसम में पौष्टिक चीजें खाकर सेहत को वो फायदा पहुंचाया जा सकता है, जिनका असर साल भर देखने को मिल सकता है। इसके अलावा व्यायाम का जो असर इन दिनों में होता है, वैसा किसी मौसम में नहीं होता। पढ़िए इसी बारे में –
गहरी नींद के फायदे
हमारे शरीर का एक चक्र होता है, जिसके अनुसार हम दिन-रात के अनुसार खाते, सोते और अन्य काम करते हैं। यही पैटर्न इस बात को नियंत्रित करता है कि हम अपने काम कितने सामान्य रूप से कर पाते हैं। जब यह चक्र गड़बड़ाता है तो सबसे बड़ा असर नींद पर पड़ता है तो कई तरह की परेशानियां खड़ी होती हैं। मेडिकल न्यूज टुडे में प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार, नींद संबंधी विकार से गुर्दे की बीमारी और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफोर्मेशन के अनुसार, सोने के लिए आदर्श तापमान 15.5 से 19 डिग्री होता है। यानी ठंड में गहनी नींद के लिए अनुकूल माहौल होता है।
अच्छा खाएं, सेहत बनाएं
यूरोपियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन के अनुसार, सर्दियों में भूख बढ़ जाती है। साथ ही इस मौसम में खाने-पीने का अपना महत्व है। कहा जाता है कि इस दौरान जो भी खाया जाता है, वह शरीर को लाभ पहुंचाता है। यही कारण है कि भारत में ठंड के लड्डू जैसी पौष्टिक चीजें बनाई जाती हैं और खाई जाती हैं। इसके अलावा खसखस, बादाम, अखरोट, अंजीर, च्यवनप्राश, गजक, पिंड खजूर खाने का विशेष लाभ होता है।
वजन पर पाएं काबू
शरीर में दो प्रकार के फैट (वसा) होती है- व्हाइट फैट और ब्राउन फैट। व्हाइट फैट सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। ब्राउन फैट वह फ्यूल होता है जिसे शरीर एनर्जी के लिए बर्न करता है। वैज्ञानिक शुरू से इसके तरीके खोज रहे हैं कि कैसे व्हाइट फैट को ब्राउन फैट में बदला जाए। द जर्नल ऑफ क्लिनिकल इनवेस्टिगेशन के अनुसार, ठंड के मौसम में यह काम अपने आप होता है, क्योंकि शरीर खुद को गर्म रखने के तरीके खोजता है और नतीजन, फैट बर्न होता है। इसलिए यह धारण पूरी तरह सही नहीं है कि ठंड में वजन बढ़ जाता है। यदि आप संतुलित खाते हैं और नियमित व्यायाम करते हैं तो शरीर पहले से ज्यादा स्वस्थ्य रहेगा।
दर्द और जलन से मिलता है छुटकारा
आम दिनों में जब भी दर्द या जलन होती हैं तो बर्फ से सिकाई की सलाह दी जाती है। सर्दियों में यह काम प्राकृतिक रूप से होता है।
सर्दियों में रहते हैं ज्यादा खुश
यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू कैसल के मुताबिक, सर्दी के दिनों में रेफरेंशियल क्रिएटिविटी देखने को मिलती है। इन्सान का ध्यान बाकी चीजों से हटता है और वह सोचने की अपनी आदतों में बदलाव करता है, जिसे आम भाषा में आउट ऑफ द बॉक्स सोचना कहा जाता है।
त्वचा में आता है निखार
सर्दियों में हम सभी अपनी त्वचा का विशेष ख्याल रखते हैं। तरह-तरह की क्रीम के उपयोग से त्वचा में निखार आता है।