देखी सुनी

सेन समाज को विकल्प की तलाश करना चाहिये

प्रवीण सेन परमात्मा की कलम से

कोविड-19 के कारण ठप हो चुका है सैलून व्यवासाय, समाज के लोगों पर पड़ रही आर्थिक संकट की मार

मौजूदा समय में कोविड 19 के कारण यदि सबसे ज्यादा किसी समाज का व्यवसाय प्रभावित हुआ है तो वह सेन समाज है। इस व्यवसाय में निकट भविष्य में भी ऐसी ही संभावनाएं पाई जा रही हैं। कारण कोविड 19 (कोरोना) संक्रमण के फैलाव में शासन और प्रशासन की हिट लिस्ट में सैलून व्यवसाय है।

सेन समाज की आधे से ज्यादा आबादी सैलून व्यवसाय पर निर्भर है। हमारे व्यवसाय के लिए जितनी बड़ी गाइडलाइन आई है, उतनी किसी व्यवसाय में नहीं है। हम उस गाइडलाइन का उल्लंघन करते हैं, तो अपने साथ-साथ अपने परिवार की भी जान जोखिम में डाल रहे हैं। यदि सुरक्षा उपायों के साथ करते हैं, तो ग्राहक उतनी कीमत देने को तैयार नहीं हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।

सेन समाज का व्यक्ति इतने बड़े लॉकडाउन का सामना करने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है। सरकार भी ध्यान नहीं दे रही है। हम उम्मीद भी नहीं करते कि किसी एक जाति (व्यवसाय) के लिए सरकार कोई विशेष योजना लाएगी। हालांकि संगठन और संगठन या समाज के विशिष्टजन सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं, परन्तु सरकार ने भी आत्मनिर्भरता का मंत्र देकर चुनाव मे व्यस्त है।

यहां मैं एक वाक्या का उल्लेख करना चाहता हूं कि मेरे मुहल्ले में एक चाट और गोलगप्पे का ठेला था। लॉकडाउन के कारण वह भी बंद है। पर वह व्यक्ति उसी ठेले में सब्जी लगाकर बेचने लगा और उसका जीवन सुचारू रूप से चलने लगा। अर्थात- परिवर्तन प्रगति का द्योतक बन गया।

आज हमें भी यही करना चाहिए। हमारे पास दुकान तो है ही बस स्थानीय आवश्यक्ता अनुसार व्यवसाय का चयन करना है। चूंकि हमारे लिए नया होगा माहौल भी नया है, इसलिए यह व्यवसाय हमें कम पूंजी से करना चाहिए। वर्तमान समय मे 180 ऐसे व्यवसाय हैं, जिन्हें हम घर के अंदर घर में बैठकर कर सकते हैं।

अब आती है बात पूंजी की कि पूंजी कहां से आएगी, तो वर्तमान मे शहरी बैंक 100,000 तक लोन आसानी से दे रहे हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण बैंक 50,000 तक लोन आसानी से प्रदान कर रहे हैं। ऐसे में घर में रहिए, सुरक्षित रहिए। परिवर्तन लाइए विकास करिए। घरेलू उद्योग स्थापित करिए, उद्योगपति बनिये।

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