मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपकर मदद की मांग
भोपाल. देश भर में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान सेन समाज के सैलून व्यवसायियों द्वारा पूर्णतय: नियमों का पालन किया जा रहा है। कोरोना वायरस के चलते संपूर्ण मध्य प्रदेश लगभग डेढ़ माह से बंद है। सेन समाज द्वारा संचालित सैलून की दुकानें भी उसी समय से बंद हंै। गौरतलब है कि सैलून व्यवसाई रोजाना दो या तीन सौ रुपए आय पर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं। ऐसे में आर्थिक रूप से निर्धन समाज पर भूखों मरने की नौबत आ पड़ी है।
मुख्यमंत्री ने की सराहनीय पहल, पर लाभ नहीं मिल रहा
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा सराहनीय कदम उठाते हुए सैलून व्यवसायियों को पर यूनिट 5 किलो खाद्यान्न वितरण के निर्देश दिए गए थे, परंतु सेन समाज के लोगों के पास सैलून व्यवसाय का कोई रिकॉर्ड ना होने की वजह से उन्हें खाद्यान्न उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जबकि शासकीय आदेश में कोई कंडीशन का निर्धारण नहीं किया गया है।
समाज के लोगों को किया जा रहा परेशान
सैलून का कार्य लोगों से बिना नजदीकी बनाए नहीं किया जा सकता। कई जिलों से संगठन के पास शिकायतें भी आई हैं कि सैलून का कार्य करने से कोरोना वायरस का संक्रमण कुछ लोगों में फैला, जबकि इसके लिए ग्राहक भी उतना ही गुनाहगार है, जितना सैलून व्यवसाई। परंतु एफआईआर सैलून व्यवसाय के ऊपर की गई है। ऐसी स्थिति में समाज में रोश है।
कई जगह आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण अंचलों में सैलून व्यवसाई भाइयों को जबरिया सैलून का कार्य करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। छतरपुर में सैलून का काम नहीं करने पर सेन समाज के भाई को पीटा गया। यहां तक कि उसकी गर्भवती पत्नी को भी लात घूसों और डंडों से पीटा गया, जिनका जिला चिकित्सालय में इलाज चल रहा है।
जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर दें राशन
सेन समाज संयुक्त संगठन मध्य प्रदेश के सचिव शिवकुमार सेन ने बताया कि संगठन की सरकार से अपेक्षा है की आरोपियों के ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। बिहार में इस समाज के भाइयों को सैलून का काम ना करने पर जान तक गंवानी पड़ी। अत: संगठन मुख्यमंत्री से अनुरोध करता है कि सैलून व्यवसायियों को सरपंच पार्षद क्षेत्रीय विधायक के अनुशंसा पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। सुरक्षा की व्यवस्था की जाए।
कर्नाटक सरकार ने दी मदद
कर्नाटक सरकार द्वारा सैलून व्यवसायियों को रुपए 5000 सहायता राशि दिया गया है। इसे मध्यप्रदेश में भी लागू किया जाए। बंद के दौरान का सैलून व्यवसायियों की दुकानों का किराया, बिजली, पानी आदि माफ किया जाए। इसके साथ ही सैलून व्यवसाई को नए तरीके से कार्य करने के लिए सुरक्षा किट सैनिटाइजर मास्क आदि वितरित किए जाए।