सृजन घोटाले में 244 करोड़ रुपये की वसूली के लिए भागलपुर प्रशासन ने दाखिल किया मनीसूट

भागलपुर 
सरकारी राशि की वसूली के लिए भागलपुर जिला प्रशासन ने मंगलवार को कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। नजारत शाखा द्वारा 244.36 करोड़ रुपये की वसूली के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक के विरुद्ध मुसिंफ-1 के कोर्ट में मनीसूट दाखिल किया गया। 

बैंक ऑफ बड़ौदा से 102 करोड़ 93 लाख 80 हजार रुपये और इंडियन बैंक से 141 करोड़ 43 लाख 20 हजार रुपये की वसूली के लिए मनीसूट दाखिल किया गया है। डीएम ने मनीसूट दाखिल करने के लिए नजारत शाखा प्रभारी सह एसएफसी के जिला प्रबंधक गुलाब हुसैन को अधिकृत किया था। सरकारी अधिवक्ता गोपाल भूषण प्रसाद ने बताया कि 16 दिसंबर को कोर्ट में ग्रहण के बिन्दु पर सुनवाई होगी। इसके पहले कागजात और शुल्क आदि की जांच होगी। जिला परिषद द्वारा भी एक-दो दिन के अंदर मनीसूट दाखिल कर दिया जाएगा। मनीसूट का कागजात तैयार कर लिया गया है। सरकारी वकील ने बताया कि मनीसूट में ब्याज का आकलन कर नहीं दिया गया है। सुनवाई के दौरान कोर्ट से अवैध निकासी की राशि के साथ भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार ब्याज की राशि दिलवाने का आग्रह किया जाएगा। 

सृजन घोटाला की पहली प्राथमिकी सात अगस्त 2017 को नजारत शाखा द्वारा दर्ज करायी गयी थी। अबतक नजारत शाखा से अवैध निकासी को लेकर चार प्राथमिकी दर्ज करायी जा चुकी है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले में पूर्व सहायक नाजिर अमरेन्द्र यादव जेल में बंद है। सृजन घोटाला उजागर होने के 27 महीने बाद सरकारी राशि की वसूली के लिए पहला मनीसूट दाखिल हुआ है। इसके पहले राशि की वसूली के लिए कल्याण विभाग द्वारा चार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक नीलाम पत्र दायर किया गया है। सभी नीलाम पत्रों की सुनवाई 19 दिसंबर को होगी। जिला भू-अर्जन कार्यालय और डूडा को भी मनीसूट दाखिल करने के लिए विभाग से आवंटन प्राप्त हुआ है। 

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