देश

सुस्त हो गई विकास की रफ्तार, सरकार ने GDP आंकड़ों में किया बदलाव

 
नई दिल्‍ली 

सप्‍ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही (सितंबर-दिसंबर) के जीडीपी आंकड़े जारी किए गए.राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी किए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.7 फीसदी रही है. मीडिया के एक हिस्‍से में ऐसी खबरें चल रही हैं कि जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट आई है, जबकि कई खबरों में इसे मामूली सुधार बताया जा रहा है.

जानिए क्‍या है मामला?

दरअसल, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने 2019-20 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट को संशोधित कर 5.6 फीसदी और दूसरी तिमाही के लिए 5.1 फीसदी कर दिया है. इससे पहले सरकार ने पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 5 फीसदी बताया था. वहीं, दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकड़े 4.5 फीसदी पर रहे थे. इस लिहाज से अगर देखें तो तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट (4.7 फीसदी) में मामूली सुधार हुआ है. ये सुधार 0.2 फीसदी का है. लेकिन अगर संशोधित आंकड़ों के आधार पर तीसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ रेट का आकलन करें तो इसमें 0.4 फीसदी (5.1 फीसदी-4.7 फीसदी) की गिरावट आई है.
 
पहले 6 तिमाही के ये थे आंकड़े
अगर बीते 6 तिमाही की बात करें तो देश की जीडीपी ग्रोथ रेट लगातार गिरी है. बीते वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में ग्रोथ रेट 8 फीसदी पर थी तो दूसरी तिमाही में यह लुढ़क कर 7 फीसदी पर आ गई. इसी तरह तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ की दर 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी पर रही.

वहीं अगर वित्त वर्ष 2019-20 की बात करें तो पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ की दर लुढ़क कर 5 फीसदी पर आ गई. वहीं दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकड़े 4.5 फीसदी पर थे. यह 6 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट थी. हालांकि, अब संशोधन के बाद वित्त वर्ष 2019-20 की पहली दो तिमाही के जीडीपी आंकड़े बदल गए हैं.

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