रायपुर
Paddy Procurement Issues धान खरीद के मुद्दे पर सोमवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly Winter Session) में हुई बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह किसानों से जुड़ा मामला है। हम इस मामले में न तो राजनीति कर रहे हैं ओर न ही केंद्र से लड़ रहे हैं। हम तो केंद्र सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि वह हमारा धान ले। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि विरोध केंद्र सरकार का नहीं केंद्र सरकार के सिस्टम का है। जिस केंद्र सरकार ने दो सालों तक नियम को शिथिल किया, अभी उस नियम को शिथिल क्यों नहीं किया जा रहा है। क्या केवल सरकार बदलने से छत्तीसगढ़ के किसानों को सजा मिलेगी?
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने प्रमुख विपक्षी दल भाजपा पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2014 में जब केंद्र से बोनस नहीं देने का पत्र आया तभी क्यों नहीं इसके लिए आवाज उठाई गई। उन्होंने कहा कि हमनें उस समय भी कहा था कि प्रानमंत्री से समय मांगीए हम साथ में चलेंगे। अब फिर हम कह रहे हैं राज्य के किसानों के इस मुद्दे पर आप अपनी केंद्र सरकार से बात कीजिए।
केंद्र से तय एमएसपी पर धान खरीद के फैसले पर सीएम ने कहा कि हमें कोई अहंकार नहीं है। हमने यह फैसला आपके और केंद्र सरकार के अहंकार की तुष्टि के लिए लिया है।
सीएम ने बताया कि हम केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान से दो बार मुलाकात कर चुके हैं। प्रानमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा। राष्ट्रपति से भी मिलने का समय मांगा। केंद्रीय खाद्य मंत्री ने हमारी मांगों का समर्थन किया, लेकिन कहा कि निर्णय पीएमओ से होगा।
भाजपा सांसदों के निवास का घेराव किए जाने के मामले में विपक्षी सवालों के बीच बघेल ने कहा कि हम सांसदों का घेराव करना नहीं चाहते थे, यह केवल प्रतिकात्मक है। हमने उन्हें याद दिलाने के लिए घेराव का कार्यक्रम बनाया था। इससे पहले हमने उनसे निवेदन किया था कि केंद्र सरकार से बात की जाए। धान के मसले पर हम राजनीति नहीं कर रहे, राजनीति तो भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार कर रही थी।
बघेल ने कहा कि आप (भाजपा) हमारे एथेनाल के प्रोजेक्ट पर सवाल उठा रहे हैं, पहले ये तो बताइए कि आपके जेटरोफा का क्या हुआ। इसके नाम पर करोड़ रूपये फूंक दिया। उन्होंने कहा कि धान से एथेनाल बनाने के लिए प्लांट लगाए जाने पर भी केंद्र सरकार अड़ंगा लगा रही है। केंद्र सरकार मात्र एक साल के लिए अनुमति देने को तैयार है, जबकि करोड़ों रुपये खर्च करके जो भी प्लांट लगाएगा उसे कम से कम 10 साल समय का मिलना चाहिए।
अवैध को रोकने की कार्रवाई का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने भी अवैध परिवहन के दौरान हजारों क्विंटल धान जप्त किया था। जब आप की सरकार थी, तब यह काम अच्छा था, आज जब हम यह कर रहे हैं, तो गलत कैसे हो गए? सरकार ने किसी भी किसान का धान नहीं रोका है और न ही रोका जाएगा। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साते हुए कहा कि आपकी तरह हम भी घोषणा करके चुप नहीं बैठ सकते।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारियों को चार क्विंटल तक धान का स्टाक रखने का नियम है। यह नियम पहले से चला आ रहा है। हमने नहीं बनाया है। उन्होंने कहा कि मेरी राय में इसे चार क्विंटल की सीमा को बढ़ाकर 10 क्विंटल करना चाहिए।