भागलपुर
जेएनयू के पूर्व छात्र नेता और कम्युनिस्ट नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि एनआरसी, एनपीआर और सीएए के भ्रम में किसी भी सूरत में नहीं पड़ना है। हम इस तर्क में एकदम नहीं पड़ेंगे कि पहले अंडा आया या चूजा। बस इतना दिमाग में रखें, एनपीआर ही वो अंडा है जिससे एनआरसी नामक चूजा निकलेगा। असम में एनआरसी लागू हुआ तो यहां पर 19 लाख लोग नागरिकता की सूची से बाहर हो गये, जिनमें करीब 15 लाख गैर मुसलमान हैं। कन्हैया कुमार, शनिवार को देश बचाओ, संविधान बचाओ समिति द्वारा पुरैनी में आयोजित एनआरसी, सीएए व एनपीआर विरोधी सभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बिहार के करीब 100 से अधिक संगठनों ने मिलकर देश बचाओ, संविधान बचाओ समिति का गठन किया है। इसी समिति के तहत एनआरसी, सीएए व एनपीआर के विरोध में गांधी के शहादत दिवस यानी 30 जनवरी को जागरूकता सभा के आयोजन की शृंखला शुरू हुई, जो कि 28 फरवरी को गांधी मैदान पटना में जाकर समाप्त होगी।
इस दौरान हमारा नारा, ‘हमारा देश हमारा संविधान, बापू धाम से गांधी मैदान’ है। 28 फरवरी को गांधी मैदान में आयोजित होने वाली जनसभा में इस बिहार सरकार से मांग करेंगे कि पंजाब, केरल, पश्चिम बंगाल की तरह बिहार विधानसभा में सीएए के विरोध में प्रस्ताव लाया जाये और एनपीआर को लागू न किया जाये। अगर बात नहीं मानी गयी तो पहले असहयोग करेंगे, फिर सविनय अवज्ञा आंदोलन कर एनपीआर को रोकेंगे।
आजादी के लिए काम करने वालों को देश निकाला : पप्पू यादव
जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि जिन मुसलमानों, पिछड़ों व दलितों ने देश की आजादी में अपना अहम योगदान दिया, उन्हें ही देश से निकालने की राजनीति मौजूदा मोदी सरकार कर रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, रोजगार जैसे अहम मुद्दे पर चर्चा करने के बजाय मोदी सरकार पूरे देश में हिंदू-मुसलमान कर रही है।
दलित-मुस्लिम एकता मंच बिहार के अध्यक्ष अलीम अंसारी ने कहा कि बिहार के सभी पिछड़े, दलित एवं मुसलमानों को एकजुट कर केंद्र सरकार को एनआरसी, सीएए व एनपीआर लागू करने के मंसूबे को ध्वस्त कर दिया जायेगा। सभा को कदवा के विधायक डॉ. शकील अहमद खान, सैय्यद शाह अली सज्जाद, खानकाह आलिया शहबाजिया मुल्लाचक के हेड मुदर्रिस मौलाना फार्रूक आलम अशरफी ने संबोधित किया। सभा का संचालन मौलाना मतीउर्रहमान ने किया। इस दौरान हाजी इम्तेयाज, मौलाना उस्मान साहब, राजद नेत्री राबिया खातून, फहरान शेख उर्फ छोटू समेत हजारों लोग मौजूद रहे।
मांग पर कन्हैया ने फिर लगाये ‘हम लेकर रहेंगे आजादी’
खराब सेहत का हवाला देकर जब कन्हैया जाने लगे तो भीड़ ने उनसे आजादी-आजादी वाले नारे लगाने की अपील की। तब कन्हैया ने कहा कि अक्सर हम पर सवाल दागा जाता है कि जब देश आजाद है तो फिर किससे चाहिए आजादी। हम उन्हें बता देना चाहते हैं कि हमें अब जनता की समस्याओं से आजादी चाहिए। इसके बाद उन्होंने न केवल हम लेकर रहेंगे आजादी का नारा लगाया बल्कि भीड़ ने भी उनके साथ यही नारा दुहराया।
बड़ी संख्या में हुई महिलाओं-युवतियों की भागीदारी
पुरैनी की जनसभा में उमड़ी हजारों की भीड़ में महिलाओं, युवतियों, बच्चियों की संख्या ठीकठाक थी। इसमें करीब चार से पांच हजार की संख्या में आधी आबादी ने एनआरसी, एनपीआर व सीएए विरोधी जनसभा में न केवल शामिल हुई बल्कि इसके विरोध में हुंकार भी भरी।