भोपाल
कांग्रेस से बीजेपी में जा चुके दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 19 विधायक आज बेंगलुरु से भोपाल वापस आ रहे हैं। इनमें कमलनाथ सरकार के 6 मंत्री भी शामिल हैं। उधर इनकी वापसी से ठीक पहले राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की सिफारिश पर इन सभी 6 मंत्रियों को उनके पद से हटा दिया है। भोपाल पहुंचने से पहले बागी विधायक 'कमलनाथ सरकार गई, गई, गई…' के नारे लगाते दिखे।
कमलनाथ ने सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले बागी विधायकों को बेंगलुरु से वापस बुलाने की मांग की थी। शुक्रवार को इन विधायकों के पहुंचने से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात की। विधायकों के भोपाल पहुंचने से पहले एयरपोर्ट के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है। एयरपोर्ट के बाहर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ता भारी संख्या में मौजूद हैं। इसे देखते हुए एयरपोर्ट के बाहर प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है।
बताया जा रहा है कि ये सभी विधायक बीजेपी में जा चुके अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा नॉमिनेशन में शामिल होंगे। पिछले कुछ दिनों में कर्नाटक के बेंगलुरु में डेरा डाले इन 19 विधायकों के इस्तीफे से ही कमलनाथ सरकार का खेल बिगड़ा है।
राज्यपाल ने इन मंत्रियों को पद से हटाया
राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की सिफारिश पर सिंधिया समर्थक 6 मंत्रियों को उनके पद से हटा दिया है। राज्यपाल ने इमरती देवी, तुलसी सिलावट, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह सिसोदिया और प्रभुराम चौधरी को उनके मंत्री पद से हटाया है। इन सभी मंत्रियों ने बीजेपी में जा चुके अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोला था।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में दिए थे इस्तीफे
इसी हफ्ते मध्य प्रदेश में कमलनाथ और सिंधिया के बीच की खींचतान इस हद तक बढ़ी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। बेंगलुरु में मौजूद सिंधिया समर्थक 19 कांग्रेस विधायकों ने भी उनके समर्थन में इस्तीफा दे दिया। इनमें कमलनाथ सरकार के 6 मंत्री भी शामिल हैं। हालांकि इनमें से किसी का भी इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है।
राज्यपाल और स्पीकर से मुलाकात करेंगे विधायक!
विधानसभा स्पीकर ने 13 विधायकों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा था। इस नोटिस की मियाद शुक्रवार शाम को खत्म हो रही है। जानकारी के मुताबिक, भोपाल पहुंचकर 19 विधायक राज्यपाल से मिलेंगे और फिर स्पीकर से मिलकर उनसे अपना इस्तीफा मंजूर करने की गुजारिश करेंगे।