राजनीति

सिंधिया ने राजनीतिक भविष्य के डर से विचारधारा को पॉकेट में डाला: राहुल गांधी 

 
नई दिल्ली 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने को लेकर बड़ा बयान दिया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'यह एक विचारधारा की लड़ाई है. मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया को भलीभांति जानता हूं. उनके साथ मेरी दोस्ती पुरानी है. हम दोनों एक साथ कॉलेज में पढ़े हैं. वो अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर डरे हुए थे. लिहाजा उन्होंने अपनी विचारधारा को जेब में रख दिया और आरएसएस के साथ चले गए. हालांकि उन्होंने जो किया है, उसका उनको जल्द ही एहसास होगा. वहां उनको सम्मान नहीं मिलेगा.'

इस दौरान राहुल गांधी ने देश की आर्थिक हालत को लेकर मोदी सरकार पर करारा हमला भी बोला. उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक हालात खराब हो चुकी है. आज शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में जो हुआ, वो सबके सामने है. शेयर मार्केट और स्टॉक मार्केट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है.

जब उनसे मध्य प्रदेश की सियासत को लेकर सवाल किया गया, तो वो इसको टाल गए. उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं हूं. मैं सिर्फ अर्थव्यवस्था के बारे में बोलने आया हूं. करोड़ों लोगों पर इसका असर पड़ रहा है. मोदी सरकार अर्थव्यवस्था से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. साल 2008 का उदाहरण सबके सामने है, कैसे अर्थव्यवस्था बची थी. लोगों ने पैसे उस वक्त बचाकर रखे थे और इस्तेमाल किया, लेकिन आज गरीबों के पास पैसा नहीं है. पीएम को बताना चाहिए कि इस समस्या का हल क्या है?'
 
कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश की अर्थव्यवस्था को लेकर उस समय मीडिया के सामने आए हैं, जब सप्‍ताह के चौथे दिन गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार ने अपनी अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई. कारोबार के दौरान सेंसेक्‍स 3200 अंक तक लुढ़क गया, तो निफ्टी में भी करीब 1000 अंक की गिरावट दर्ज की गई.

कारोबार के अंत में सेंसेक्‍स 8.18 फीसदी यानी 2919.26 अंक टूटकर 32,778.14 के स्‍तर पर बंद हुआ. अगर निफ्टी की बात करें तो 868.25 अंक यानी 8.30 फीसदी लुढ़क कर 9,590.15 अंक पर रहा. आपको बता दें कि यह शेयर बाजार के इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट है. किसी एक दिन में शेयर बाजार ने इतनी बड़ी गिरावट नहीं देखी थी.
 
गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए किए गए उपायों को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, 'मैंने कहा था कि कोरोना वायरस को गंभीरता से लिया जाना चाहिए, लेकिन सरकार इसको गंभीरता से नहीं ले रही है.

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