रायपुर
अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज ने छत्तीसगढ़ के एक बहुचर्चित प्रकरण पर राज्य सरकार पर प्रहार करते हुए कहा है कि 2012 में सारकेगुड़ा जनसंहार की जांच के लिए बनी न्यायिक आयोग की रिपोर्ट आ गई है। अफसोस की बात है कि अभी तक सरकार ने किसी भी दोषी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे जेल नहीं भेजा है। अखिल भारतीय किसान सभा की मांग है कि उस जनसंहार में शामिल सभी के विरूद्ध सोचे-समझे तरीके से हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। उस जनसंहार को दबाने में अहम भूमिका निभाने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और डीजीपी को भी अपराधी बनाया जाए और बिना देरी किये इन्हें तत्काल जेल भेजा जाए। कथित मुठभेड़ों के बारे में समय-समय पर आ चुकी मानवाधिकार आयोग, सीबीआई, अनुसूचित जाति-जनजाति-महिला आयोग इत्यादि की रिपोर्ट्स के आधार पर भी सभी संबंधितों के विरूद्ध आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाए। केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार को पीड़ितों के परिजनों तथा समूचे बस्तर से माफी भी मांगनी चाहिए। अ. भा. किसान सभा इस तरह की फर्जी मुठभेड़ों के विरूद्ध, सारकेगुडा पीडितों को न्याय व समुचित मुआवजा देने के लिए देश भर में अभियान चलाएगी।