नई दिल्ली
सरकार कंजम्पशन बढ़ाने और इकनॉमिक ग्रोथ में जान डालने के इरादे से बजट से पहले इनकम टैक्स से जुड़े कई प्रस्तावों पर विचार कर रही है। इसके तहत बिना एग्जेम्पशंस के एक फ्लैट टैक्स रेट रखने, ज्यादा आमदनी वालों के लिए नए स्लैब्स बनाने और कॉरपोरेट टैक्स में कमी की तर्ज पर पर्सनल इनकम टैक्स में कमी करने जैसे प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है।
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सर्वोच्च राजनीतिक स्तर पर निर्णय किए जाने से पहले फाइनैंस मिनिस्ट्री इन प्रस्तावों के नफा-नुकसान के बारे में अपनी राय रखेगी। बजट फरवरी में पेश किया जाएगा। अधिकारी ने बताया, 'सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। कोई भी कदम उठाने से पहले यह देखना होगा कि उससे ओवरऑल इकॉनमी को कितना फायदा होगा और इस कदम की कॉस्ट क्या होगी।'
3 करोड़ लोगों को फायदा!
इनकम टैक्स घटाने का एक विकल्प यह है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं के जरिए सीधे लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा दे दिया जाए या इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाया जाए। अधिकारी ने कहा कि स्ट्रक्चर में किसी भी बदलाव से केवल उन 3 करोड़ लोगों को फायदा होगा जो इनकम टैक्स देते हैं। उन्होंने कहा कि कंजम्पशन बढ़ाने के साथ यह भी देखना होगा कि बेनिफिट्स और सरकारी खजाने पर आने वाले बोझ में संतुलन रहे। उन्होंने कहा, 'वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर खर्च बढ़ाने से कई दूसरे सेक्टरों पर पॉजिटिव असर पड़ेगा।'
कॉरपोरेट टैक्स घटने के बाद से लगी है आस
सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स घटाने के रूप में 1.45 लाख करोड़ रुपये की राहत दी है, लेकिन इसे निवेश आकर्षित करने के इरादे से उठाया गया कदम माना जा रहा है। इस कटौती के बाद पर्सनल इनकम टैक्स घटाने की मांग भी जोर पकड़ने लगी क्योंकि पिछले बजट में इस मोर्चे पर कोई राहत नहीं दी गई थी। वहीं ज्यादा आमदनी वाले लोगों पर सरचार्ज के रूप में टैक्स बढ़ा था।
क्या हो सकते हैं नए स्लैब्स?
डायरेक्ट टैक्स का रिव्यू करने के लिए बनाई गई कमिटी ने 10 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वालों के लिए 10 प्रतिशत पर्सनल इनकम टैक्स रेट रखने की सलाह दी थी। उसने 10 लाख से 20 लाख रुपये तक सालाना इनकम वालों पर 20 प्रतिशत, 20 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये तक सालाना इनकम वालों पर 30 प्रतिशत और 2 करोड़ रुपये से ज्यादा आमदनी वालों पर 35 प्रतिशत के टैक्स रेट की सलाह दी थी। उसने मौजूदा इनकम टैक्स एग्जेम्पशन लिमिट मे किसी बदलाव की सलाह नहीं दी थी। उसने अपर लिमिट पर इनकम पर लगने वाला सरचार्ज हटाने की सिफारिश भी की थी।
मौजूदा स्लैब्स
अभी 2.5 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी टैक्स फ्री है। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 5 प्रतिशत की दर से, 5-10 लाख रुपये तक की आमदनी पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जाता है। सरकार रिबेट्स क के जरिए लोअर एंड पर राहत देती रही है, लेकिन ये स्लैब्स कई वर्षों से जस के तस बने हुए हैं। 50 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आमदनी वालों को उनकी इनकम के आधार पर 10-37 प्रतिशत तक अडिशनल सरचार्ज देना होता है।
फ्लैट रेट से सेविंग्स को चुनौती
प्राइम मिनिस्टर की इकनॉमिक अडवाइजरी काउंसिल के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने टैक्स रेट फ्लैट रखने का सुझाव दिया था, लेकिन इस पर कुछ ऐतराज जताए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि बिना एग्जेम्पशंस के फ्लैट रेट रखने से सेविंग्स के लिए चुनौती पैदा हो सकती है, जिसे टैक्स रियायतों के जरिए बढ़ावा दिया जाता रहा है।