नई दिल्ली
कई बैंकों के विलय के बाद अब मोदी सरकार तीन सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों के विलय की दिशा में आगे बढ़ रही है. सरकार ने इन कंपिनयों की आर्थिक सेहत को देखते हुए विलय का फैसला लिया है. सरकार को उम्मीद है कि विलय के बाद इन कंपनियों की सेहत सुधरेगी.
बजट भाषण में हुआ था जिक्र
दरअसल इस मामले को लेकर मीडिया से बातचीत के दौरान केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीते बजट के दौरान घोषणा के बाद अब सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है.
इन तीन कंपनियों का विलय संभव
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, विलय होने वाली प्रस्तावित कंपनियां- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और ओरिएंटल इंश्योरेंस लिमिटेड हैं. ये कंपनियां अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण आगे बढ़ने में अक्षम हैं, इसलिए इनके विलय का फैसला लिया गया है. अधिकारी ने बताया, 'कमजोर आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए इन पीएसयू ने सरकार से आर्थिक मदद मांगी थी, उनकी वर्तमान बैलेंस शीट के अनुसार, उन्हें तत्काल पुर्नपूजीकरण की जरूरत है.'
सूत्रों ने बताया, हालांकि 2019-20 के बजट में बीमा कंपनियों के लिए वित्तीय मदद का कोई प्रावधान नहीं किया गया था, इसलिए वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) को इस काम के लिए 12,000 करोड़ रुपये की अनुपूरक वित्तीय सहायता लेनी होगी.