भोपाल
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार दिवाली से पहले प्रदेश के लाखो कर्मचारियों को बड़ी सौगात दे सकती है। प्रदेश में कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता बढ़ाने की कवायद तेज़ हो गई है। केंद्रीय कर्मचारियों को वर्तमान में 17 फीसदी महंगाई राह भत्ता मिल रहा है। केंद्र सरकार ने पेंशनर्स का भी भत्ता बढ़ा दिया है। अब प्रदेश सरकार पर भी महंगाई भत्ता बढ़ाने का दबाव बन रहा था। इस संबंध में वित्त विभाग ने फाइल आगे बढ़ा दी। प्रदेश सरकार भारी आर्थिक संकट से जूझ रही है ऐसे में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री को करना है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में कर्मचारियोंं को वर्तमान में 12 फीसदी ही महंगाई भत्ता मिल रहा है। हाल ही में केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता बढ़ाया है। जिस वजह से राज्य सरकार पर भी दबाव बन रहा है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन पहले ही इस बारे में मांग कर चुका है। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने कर्मचारियों की मांग को देखते हुए वित्त विभाग ने डीए बढ़ाने के लिए फाइल को आगे बढ़ा दिया है। अगर सरकार इस फैसले को मंज़ूरी देती है तो सरकार पर सालाना 400 करोड़ का भार आएगा। लेकिन प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे में सरकार के लिए यह फैसला लेना किसी चुनौती से कम नहीं है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अतिवर्षा और बाढ़ की वजह से बजट प्रबंधन गड़बड़ा गया है।
केंद्र सरकार पर फोड़ा ठीकरा
प्रदेश में भारी बारिश से करीब दस हज़ार करोड़ का नुकसान हुआ है। सड़कें जर्जर हैं, किसानों की फस तबाह हो गई है। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार भी लगाई है। राज्य सरकार का आरोप है कि केंद्र की ओर से फिलहाल कोी मदद नहीं मिली है। प्रदेश पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। ऐसे में डीए बढ़ाने को लेकर न तो वित्त विभाग खुलकर कोई राय दे पा रहा है और न ही सरकार की ओर से कर्मचारियों को ऐसे कोई संकेत दिया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ही इस मामले में वित्तमंत्री तरुण भनोत, मुख्य सचिव एसआर मोहंती और वित्त विभाग के अधिकारियों से वित्तीय स्थिति को लेकर चर्चा के बाद कोई निर्णय ले सकते हैं।