भोपाल
कमलनाथ सरकार ने एससीएसटी वर्ग के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार हत्या और दुष्कर्म के मामले में एससी-एसटी वर्ग को आर्थिक सहायता देगी। इसमें दुष्कर्म से पीड़ितों को 1 से 8 लाख रुपए तक की आर्थिक मदद की जाएगी। थाने में दुष्कर्म और हत्या का केस दर्ज होते ही 25 फीसदी राशि पीड़ित को तत्काल दी जाएगी। वहीं हत्या के मामले में मृतक की पत्नी या अन्य आश्रितों को 5 लाख रुपए की सहायता देने का निर्णय लिया गया है।
जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम एससी-एसटी वर्ग के पीड़ितों को आर्थिक मदद करने का फैसला किया है। आश्रितों को 5 लाख रुपए तक की मदद तब तक दी जाएगी, जब तक कि उन्हें नौकरी नहीं मिल जाती है। पीड़ित परिवार के बच्चों की ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई का खर्च भी सरकार उठाएगी।
हर महीने मिलेंगे 5 हजार रुपए
हत्या के मामले में भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा- हत्या के मामले में भी एससी और एसटी वर्ग के लोगों की आर्थिक मदद दी जाएगी। पीसी शर्मा ने कहा- एससी-एसटी वर्ग के किसी व्यक्ति का हत्या का मामला सामने आता है तो सरकार के द्वारा मृतक की विधवा को हर महीने 5 हजार रुपए की राहत राशि दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 6 महीने के अंदर पीड़िता के परिवार को पूरी राशि दी जाएगी।
सामान्य वर्ग क्यों नहीं?
सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने अभी एससी-एसटी वर्ग को इसमें शामिल नहीं किया है। संभवत: हो सकता है ग्रामीण इलाकों में आदिवासियों के आंकड़े अधिक दयनीय होंगे इसी कारण अभी केवल एससी-एसटी वर्ग के लोगों को शामिल किया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा- सरकारें पैसा बांटने के लिए नहीं है। सरकार को राशि बांटने की बजाए पीड़िताओं को कानूनी सहायता देनी चाहिए इसके साथ ही सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा- पीड़िताओं को धर्म और जाति के आधार पर नहीं बांटना चाहिए।