मध्य प्रदेश

समाज के लिए अभिशाप है बाल विवाह, इसे रोकने सबको समझनी होगी अपनी जिम्मेदारी


बाल विवाह मुक्त बुरहानपुर अभियान के तहत पैरा लीगल वालंटियर के लिए किया एक दिवसीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

भोपाल-बुरहानपुर. बाल विवाह मुक्त बुरहानपुर अभियान के तहत पैरा लीगल वालंटियर के लिए एक दिवसीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरा लीगल वालंटियर के लिए आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन बाल कल्याण समिति बुरहानपुर, महिला बाल विकास विभाग बुरहानपुर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बुरहानपुर एवं ममता संस्थान (यूनिसेफ समर्थित) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

वेबिनार के माध्यम से दी जानकारी
जूम ऐप के माध्यम से आयोजित इस वेबिनार में नरेंद्र पटेल, सचिव एवं अपर जिला न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बुरहानपुर ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है। आज भी देश के विभिन्न प्रांतों, गांवों और कस्बों में बाल विवाह प्रथा जारी है। इस प्रथा को सामाजिक जागरुकता के माध्यम से समाप्त किया जा सकता है। बाल विवाह रोकने के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम बनाया गया है, जिसमें दंड का प्रावधान है।

बाल विवाह रोकने सभी को करना होगी पहल
बाल कल्याण समिति बुरहानपुर के सदस्य संदीप शर्मा ने बताया कि हमारे समाज में बाल विवाह की स्थिति गंभीर है। इसे रोक के जाने के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। संदीप शर्मा ने स्लाइड के माध्यम से बाल विवाह के आंकड़े बताए। उन्होंने बताया कि देश में बाल विवाह के संबंध में वर्ष 2011 में 113, 2012 में 169 तथा 2013 में 222 मामले दर्ज हैं। जबकि, वास्तविक रूप से बाल विवाह अधिक संख्या में हो रहे हैं। शर्मा ने कहा कि बाल विवाह के संबंध में संबंधित विभागों को जानकारी देने के लिए लोगों को प्रेरित करने की आवश्यकता है।

बाल विवाह रोकने शासन द्वारा किए जा रहे काम
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी सुमन कुमार पिल्लई ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए शासन द्वारा बहुत से कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें समाज के सभी वर्गों को बाल विवाह रोकने के लिए शिक्षित किया जा रहा है। सुमन ने बताया कि शिक्षा विभाग के सहयोग से सर्वे कराकर स्कूल छोडऩे वाली बालिकाओं की जानकारी प्राप्त कर उन्हें पुन: आगे पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

पैरा लीगल वालंटियर नंदकिशोर जांगड़े एवं पूनम गहलोत ने भी इस संबंध में अपने विचार रखे। इस दौरान सभी पीएलव्ही से अनुरोध किया कि वे इस अभियान के प्रचार प्रसार में सहयोग करें। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन सुनील सेन जिला समन्वयक, ममता संस्थान (यूनिसेफ समर्थित) द्वारा किया गया। जिला बाल कल्याण समिति की सदस्य बेला तारकस ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में समस्त पैरा लीगल वालंटियर उपस्थित रहे।

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