सनशाइन विटमिन है विटमिन डी, हैं कई फायदे

भारत के लोगों खासकर महिलाओं को इन दिनों सेहत से जुड़ी जिस समस्या से सबसे ज्यादा जूझना पड़ रहा है, वह है मोटापा और शुगर यानी डायबीटीज की बीमारी। लेकिन इससे परेशान होने की जरूरत नहीं क्योंकि हाल ही में इन दोनों परेशानियों से बचने का तरीका एम्स और डायबीटीज फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने मिलकर सुझाया है। एम्स और डीएफआई की संयुक्त रूप से की गई एक रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि अगर प्री-डायबीटिक महिलाएं विटमिन डी का सही मात्रा में सेवन करें, तो वे अपने मोटापे और शुगर दोनों को कंट्रोल में रख सकती हैं। और विटमिन डी का सबसे अच्छा सोर्स है धूप की रोशनी। यही वजह है कि विटमिन डी को सनशाइन विटमिन भी कहा जाता है। ऐसे में अगर हर रोज सही समय पर धूप में रहा जाए तो मोटापा, शुगर और डिप्रेशन जैसी दिक्कतों को आसानी से दूर किया जा सकता है।

विटमिन डी से ग्लूकोज लेवल रहता है कंट्रोल में
अनुसंधानकर्ताओं ने अपनी इस रिसर्च में 20 से 60 साल की महिलाओं को शामिल किया, जो प्री-डायबिटिक थीं। इन महिलाओं का वजन भी सामान्य से अधिक था। शोधकर्ताओं ने पाया कि रिसर्च के दौरान जिन डायबिटिक महिलाओं को नियमित रूप से इलाज के साथ विटमिन डी के सप्लिमेंट्स भी दिए गए, उनमें ब्लड शुगर और ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित होती चली गई जबकि जिन महिलाओं को विटमिन डी नहीं दिया गया, उनका प्लेसबो सैंपल साफतौर पर उनमें डायबीटीज के बढ़ते स्तर को दिखा रहा था।

फैट घटाता है विटमिन डी
इस शोध की खास बात ये है कि विटमिन डी के सप्लिमेंट्स से ना केवल इन महिलाओं का ग्लूकोज लेवल सामान्य के आसपास आ गया बल्कि इनके बॉडी फैट में भी काफी कमी आ गई थी। वैज्ञानिकों की मानें तो रोजाना कैल्शियम और विटमिन डी सप्लिमेंट्स का सेवन करने से भूख पर इसका असर होता है और भूख कम लगती है। जाहिर सी बात है भूख कम लगेगी और आप कम खाएंगे तो वेट लॉस भी होगा और फैट और मोटापा भी कम होगा। इतना ही नहीं विटमिन डी सप्लिमेंट्स के सेवन से ओवरवेट लोगों में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी काफी कम हो जाता है।

विटमिन डी से कम होता है डिप्रेशन
रिसर्च की मानें तो विटमिन डी आपके मूड को रेग्युलेट करने और डिप्रेशन दूर करने में भी काफी मदद करता है। एक स्टडी में भी यह बात साबित हो चुकी है कि डिप्रेशन की समस्या से जूझ रहे लोगों को अगर विटमिन डी सप्लिमेंट्स दिया जाए तो उनके डिप्रेशन के लक्षणों में काफी इम्प्रूवमेंट देखने को मिलता है। इतना ही नहीं, जिन लोगों में विटमिन डी की कमी होती है उनमें ऐंग्जाइटी और डिप्रेशन के लक्षण भी ज्यादा देखने को मिलते हैं।

सामान्य समस्या है विटमिन डी की कमी
विटमिन डी की कमी कई लोगों के लिए एक सामान्य समस्या है। भारत ही नहीं, दुनियाभर में विटमिन डी की कमी के चलते कई तरह की परेशानियां सेहत से जुड़ी समस्या के रूप में उभर रही हैं। भारत के संबंध में माना जाता रहा है कि यहां पर्याप्त मात्रा में और लगभग पूरे साल धूप आती है, ऐसे में भारतीयों में पर्याप्त मात्रा में विटमिनडी होता है। लेकिन इस बारे में हुई रिसर्च कुछ और ही हाल बयां करती हैं।

पेट का बढ़ा हुआ फैट भी एक वजह
इस स्टडी के ऑथर और फोर्टिस हॉस्पिटल के चेयरमेन डॉक्टर अनूप मिश्रा के अनुसार, अलग-अलग अध्ययनों में सामने आया है कि भारतीयों में विटमिन डी की कमी व्यापक स्तर पर है और इसकी बड़ी वजह है पेट का बढ़ा हुआ फैट। एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह शोध इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है कि इससे ना केवल विटमिन डी की कमी के कारण शरीर को होने वाले नुकसान के बारे में पता चलता है, बल्कि शुगर संबंधी परेशानियों से बचने के लिए बॉडी ग्लूकोज को मेंटेन रखने का तरीका भी पता चलता है।

महिलाओं का घर संभालना बड़ी वजह
भारतीय महिलाओं में विटमिन डी की कमी की एक बड़ी वजह यह भी है कि ज्यादातर महिलाएं घर संभालने का काम करती हैं और उनका पहनावा भी ऐसा है कि उनकी पूरी बॉडी कपड़ों से ढकी रहती है। इस कारण उन्हें सूर्य की सीधी धूप नहीं मिल पाती और शरीर में विटमिन डी की कमी होने लगती है।

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