नई दिल्ली
दिवाली पर दिल्ली और उत्तर भारत के लोगों को इस बार पटाखे की किल्लत होगी। कारण यह कि पुलिस ने सदर बाजार के थोक पटाखा कारोबारियों को लाइसेंस देने से इनकार कर दिया है। मात्र 12 कारोबारियों ने लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था। पुलिस का कहना है कि जहां कारोबारी पटाखे बेचेंगे, वह इलाका मोटरेबल रूट नहीं है। कारोबारी परेशान हैं कि उन्हें हर साल लाइसेंस मिल रहे थे, लेकिन इस बार नई समस्या कहां से आ गई। सोमवार को कारोबारी आला अफसरों से फिर गुहार लगाएंगे। पिछले साल बाजार के 42 थोक कारोबारियों को लाइसेंस दिए गए थे।
पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देश व अन्य परेशानियों के चलते एशिया की सबसे बड़ी मार्केट सदर बाजार के इस बार 12 थोक पटाखा कारोबारियों ने लाइसेंस के लिए पुलिस के सामने अर्जी लगाई। वे मान रहे थे कि तय सीमा 6 अक्टूबर तक लाइसेंस मिल जाएंगे और वे दिल्ली के अलावा उत्तर भारत में भी ग्रीन पटाखे सप्लाई कर लोगों की दिवाली रंगीन करवा देंगे। उन्होंने दस्तावेजों में हलफनामा भी दिया था कि वे ग्रीन पटाखे ही बेचेंगे और उल्लंघन हुआ तो उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की जाए। लेकिन लाइसेंस नहीं मिला। कारण यह बताया गया कि सदर बाजार में जहां दुकानें लगी हैं, वह इलाका मोटरेबल रूट नहीं है। अगर आग लग गई तो जान-माल की हानि बढ़ जाएगी।
परेशान पटाखा कारोबारियों ने पुलिस अफसरों से गुहार लगाई तो डीसीपी नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट, मोनिका भारद्वाज ने दोहरा दिया कि किन कारणों से उन्हें लाइसेंस नहीं दिया जा रहा है। डीसीपी से मिलने वालों में फायर वर्क्स ट्रेडर्स असोसिएशन के अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता व पदाधिकारी जगजीत सिंह, हरजीत छावड़ा, अजय मेहंदीरत्ता शामिल थे। कारोबारियों ने उन्हें बताया कि परेशानी के चलते तो इस बार कम कारोबारियों ने आवेदन किया है, जबकि पिछले बार 42 को लाइसेंस दिया गया था।