निवारी
मध्य प्रदेश के निवारी जिले (Niwari District) के ओरछा (Orchha) के सतार पुल (Satar Bridge) पर हुए एक्सीडेंट में कार सहित पांच लोग नदी में गिर गए. इसमें एक छह महीने का बच्चा भी शामिल था. कार चला रहे शख्स ने पहले छह महीने के बच्चे को निकाला और सीधा पुल पर फेंकना चाहा, लेकिन वह दुबारा नदी में दिर गया. गनीमत रही कि वहां खड़े लोगों ने नदी में कूद कर उस बच्चे को बचा लिया. इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने अन्य कार सवारों को बाहर निकाला. पुलिस (Police) के मुताबिक सभी लोग सुरक्षित हैं.
विश्व धार्मिक प्रसिद्ध पर्यटक क्षेत्र ओरछा में आज दिल दहला देने वाले एक्सीडेंट की घटना सामने आई है, जिसका वीडियों वहां लगे सीसीटीवी कैमरें में कैद हो गया. अच्छी बात यह रही कि कार में सवार सभी लोगों को वहां खड़े लोगों ने बचा लिया और वह पूरी तरह सुरक्षित हैं. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के उरई का एक परिवार कार से ओरछा रामराजा सरकार के दर्शन के लिए जा रहा था. इस कार में पांच लोग सवार थे जिसमें एक छह महीने का बच्चा आरव अपनी मां अनामिका की गोद में सो रहा था. जैसे ही कार ओरछा के पास सतार नदी के पुल को पार कर रही थी तभी सामने से आ रहे तेज रफ्तार से ऑटो बचाने के चक्कर में कार सीधे नदी में जा गिरी.
कार सहित सभी लोग डूबने लगे तभी आचानक कार से सबसे पहले बच्चे का पिता निकला और उसने बच्चे को बाहर निकाला. हालांकि उसने बच्चे को कार पर चढ़कर बाहर फेंकना चाहा लेकिन वह फिर से नदी में गिर गया. इसके बाद एक लड़का तुरंत नदी में कूद गया गया और बच्चे को बाहर निकाल लिया. इसके बाद कार में फंसे अन्य लोगों को निकाला गया. गनीमत है कि सभी जान बच गयी है.
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर पूरे परिवार को प्राथमिक उपचार के लिए ओरछा के स्वास्थ केन्द्र में भर्ती कराया. इसके बाद सभी को झांसी रैफर कर दिया गया. हालांकि ये सभी लोग पूरी तरह सुरक्षित बताए जा रहे हैं. पुलिस का कहा है कि सभी लोगों को सुरक्षित नकाल लिया गया है और वो सभी सुरक्षित हैं.
ओरछा विश्व प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटन क्षेत्र भी है. यहां रोज हजारों की संख्या में देशी विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन यहां आज भी सैकड़ों साल पुराने पुल से लोगों और वाहनों का आना जाना जारी है. सच कहा जाए तो पुल इतने सकरे हैं कि वहां एक बार में एक ही वाहन निकल सकता है. अगर कोई कोई क्रॉसिंग करने की कोशिश करता है तो एक ना एक वाहन नदी में गिर जाता है. हैरानी की बात ये है कि पुल पर रैलिंग का इंतजाम नहीं है. जबकि प्रशासन इन घटनाओं से सबक लेने को तैयार नहीं है.