नई दिल्ली
पाकिस्तान ने कश्मीर पर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के काउंसिल ऑफ फॉरिन मिनस्टर्स (CFM) की आपातकालीन बैठक बुलाने का निवेदन किया था। पाक के इस निवेदन को सऊदी अरब ने स्वीकार नहीं करते हुए कड़ा रुख दिखाया है। स ऊदी अरब ने पाकिस्तान की इस जिद पर खरी-खरी सुनाई है। गुरुवार को पाकिस्तानी अखबार डॉन ने यह खबर दी।
इस्लामाबाद में OIC के काउंसिल ऑफ फॉरिन मिनिस्टर्स से सपॉर्ट हासिल करने में नाकामयाब रहने के चलते बेचैनी बढ़ी है। कश्मीर पर मुस्लिम देशों के 57 सदस्यों ने चुप्पी साध रखी है। पाक पीएम इमरान खान ने मलयेशिया में अपने हालिया दौरे पर इसके खिलाफ अपनी भड़ास निकाली थी।
इस्लामिक देशों की चुप्पी पर बिफरे इमरान
इमरान ने कहा, 'कश्मीर पर चुप्पी की वजह है कि हमारी कोई आवाज नहीं है और हम पूरी तरह से बंटे हुए हैं। हम कश्मीर पर OIC मीटिंग कर एक साथ तक नहीं आ सकते।' पिछले साल अगस्त में भारत द्वारा कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद से ही पाकिस्तान OIC विदेश मंत्रियों से बैठक पर जोर दे रहा है।
सीएफएम मीटिंग की जरूरत को बताते हुए पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक देशों द्वारा एक स्पष्ट संदेश दिया जाना जरूरी था।
OIC में रियाद की गहरी पैठ
OIC द्वारा कोई भी फैसला लेने के लिए रियाद का सपॉर्ट मिलना बेहद जरूरी है। OIC में सऊदी अरब और दूसरे खाड़ी देशों का प्रभुत्व है। हाल ही में सऊदी अरब ने सीएफएम को नजरअंदाज करने के लिए पाकिस्तान को कई प्रस्ताव दिए। इनमें संसदीय फोरम या मुस्लिम देशों के प्रवक्ताओं के लिए कॉन्फ्रेंस और फिलिस्तीन व कश्मीर मुद्दे पर जॉइंट मीटिंग शामिल थे, लेकिन इस्लामाबाद सीएफएम मीटिंग के अपने प्रपोजल पर अड़ा रहा है।
कुआलालंपुर समिट में पाकिस्तान के शामिल होने के इनकार के बाद, रियाद ने पाकिस्तान के प्रस्ताव पर थोड़ी ढील दिखाई। मलयेशिया में हुए इवेंट में पाकिस्तान द्वारा दूरी बनाने पर सऊदी अरब ने अपने विदेश मंत्री को शुक्रिया कहने के लिए भेजा। लेकिन यह लचीलापन कुछ समय के लिए ही था और जल्द ही रियाद कश्मीर पर CFM पर अपने स्टैंड पर वापस लौट आया।