छत्तीसगढ़

संवैधानिक मुद्दों का सांप्रदायिकरण न हो – बृंदा करात

रायपुर
माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य सुश्री बृंदा करात बुधवार को राजधानी में मीडिया से रूबरू थीं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो भी संविधान से जुड़े हुए मुद्दे होते हैं उसे बीजेपी जानबूझकर साम्प्रदायिक मसला बनाकर खड़ा कर देती है। चाहे वह सीएए हो व एनआरसी। बीजेपी ने उसे एक जातिगत मुद्दा बनाकर पेश किया है। छत्तीसगढ़ सरकार से केरल सरकार की तर्ज पर राज्य में एनपीआर को लागू नहीं करने का प्रस्ताव पारित करने की मांग की है।

बृंदा ने नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की कार्यशैली पर भी सवाल उठाया। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी की भी जमकर आलोचना की और कहा कि मोदी ने केवल राष्ट्रवाद का तमगा लगाकर वोट खीचने का काम किया है।बृंदा ने कहा कि देश मे 1 लाख से ज्यादा दुष्कर्म के मामले कोर्ट में पड़े हुए हैं और आए दिन देश मे महिलाओं से हो रही बर्बरता से जुड़ी खबरें सामने आती है। देश के गृहमंत्री अमित शाह को महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। मगर वे होम मिनिस्टर का दायित्व न निभाकर हेड मिनिस्टर बने हुए हैं जो अपने सूबे की राजनीति कर रहे हैं। सरकार को महिला सुरक्षा की तरफ ध्यान देना चाहिए।

सुश्री करात ने कहा कि मनरेगा योजना जो शुरू की गई थी वह केवल एक तमगा बनकर रह गई है। मजदूरों को न तो मजदूरी मिल रही है और न ही उनका विकास हो पा रहा है। इससे महंगाई का असर बड़ा है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि करीब 7.5 करोड़ टन अनाज सरकारी गोदाम में सड़ रहा है। अगर इसका ही सदुपयोग किया जाए तो देश का कोई भी किसान आत्महत्या करने पर मजबूर नही होगा।एलआईसी को लेकर कहा कि लोगों का विश्वास है। सरकार को हर साल मदद करती है। लेकिन घाटा पूरा करने के लिए मोदी सरकार  बेचना चाहती है। वहीं बीएसएनएल की स्थिति को लेकर कहा कि पहला आॅप्शन है आप पब्लिक सेक्टर को प्राथमिकता दें। आपने जिओ को सारी राहत दे दी। बीएसएनएल का बुरा हाल है।

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