पटना
शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भी विधानसभा में विपक्ष का हंगामा जारी रहा। कानून-व्यवस्था और महंगाई के मसले पर विपक्ष ने कार्यस्थगन का प्रस्ताव दिया जिसे सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने नियमों के आधार पर खारिज कर दिया। इस पर सभी विपक्षी सदस्य वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। शोर-शराबा के बीच ही मात्र एक सवाल का जवाब सरकार की ओर से आ सका। विपक्ष के सदस्यों को सीट पर जाने की अपील का असर नहीं होते देख सभाध्यक्ष ने मात्र नौ मिनट में ही विस की पहली पाली दिन के दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
सभा की कार्यवाही शुरू होते ही राजद के ललित कुमार यादव ने कार्यस्थगन प्रस्ताव का हवाला दिया। राज्य में विधि-व्यवस्था में गिरावट, आपराधिक घटनाओं में वृद्धि व शासन-प्रशासन की विफलता का मुद्दा उठाते हुए ललित यादव ने विशेष वाद-विवाद की मांग की। वहीं माले सदस्य सत्यदेव राम और महबूब आलम जहानाबाद में दंगा का आरोप लगाते हुए उस घटनाक्रम के दोषी भाजपा नेता को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे। अध्यक्ष विपक्षी सदस्यों से अपील करते रहे कि वे सभी सीट पर जाकर अपनी बात कहें और सभा की कार्यवाही चलने दें। विपक्षी सदस्यों के नहीं सुनने पर अध्यक्ष ने प्रश्नोत्तरकाल शुरू कर दिया।
मिथिलेश तिवारी के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार देने लगे तो विपक्षी सदस्य और जोर-जोर से हल्ला करने लगे। मंत्री का जवाब पूरा होने पर सभाध्यक्ष ने एक बार फिर विपक्ष से सभा की कार्यवाही चलने देने की अपील की। कोई असर नहीं होता देख सभा की पहली पाली नौ मिनट बाद ही स्थगित कर दी गई।
प्याज का माला पहनकर आए शिवचंद्र राम
महंगाई के मसले पर सदन के भीतर-बाहर सरकार को घेरने की कोशिश में पूर्व मंत्री राजद विधायक शिवचंद्र राम प्याज की माला पहनकर सदन में आ गए। हालांकि सभा की कार्यवाही शुरू होने के पहले ही मार्शल ने आकर शिवचंद्र राम से प्याज का माला उतारने को कहा। अन्य सदस्यों के कहने पर शिवचंद्र राम ने प्याज का माला मार्शल को दे दिया। वहीं विधानमंडल परिसर में शिवचंद्र राम ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार कालाबाजारियों पर नकेल नहीं कस पा रही है। केंद्र व राज्य सरकार की लापरवाही के कारण लोगों को 80 रुपए किलो तक प्याज खरीदना पड़ रहा है। उस पर हद तो यह कि जब बिस्कोमान लोगों को सस्ते में प्याज बेचना चाह रहा है तो उसे रोका जा रहा है।