वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार गर्भावस्था के दौरान अनार का जूस पीने से गर्भस्थ शिशु को कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से बचाया जा सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान अनार का जूस पीने से प्रीक्लैंपसिआ, प्रीटर्म बर्थ और विकास में आने वाली बाधाओं से बचा जा सकता है। स्टडी में पाया गया कि अनार का जूस गर्भनाल के ऊतकों में चोट लगने की संभावना को कम कर देता है। इस जूस में पॉलीफेनोलिक एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं। ये यौगिक कोशिकाओं को क्षति पहुंचने से बचाता है और तनाव कम करता है एवं मानव भ्रूण और गर्भनाल की कोशिकाओं की मृत्यु के खतरे को कम करता है।
जब कोशिकाएं कम ऑक्सीजन वाले वातावरण या केमिकल के संपर्क में आती हैं तो इससे लो ऑक्सीजन उत्तेजित होता है। ये शुगर प्लेसिबो की तुलना में अनार का रस लेने से सुरक्षित रह सकते हैं।
इतना ही नहीं, अनार का जूस पीने से दिमाग के विकास में सुधार आता है। जर्नल पीएलओएस वन में प्रकाशित अध्ययन में उन गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया था जिनके शिशु में इंट्रायूट्राइन ग्रोथ रिस्ट्रिक्शन (आईयूजीआर) का खतरा था।
गर्भस्थ शिशु का आकार उम्मीद से छोटा पाया गया। ऐसा गर्भनाल में आई किसी गड़बड़ी के कारण था जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्व विकासशील भ्रूण तक पहुंचते हैं। 10 में से 1 शिशु को आईयूजीआर था।
इस स्टडी में 78 माओं की पहचान की गई जिनमें 24 से 43वे हफ्ते में आईयूजीआर देखा गया। इन महिलाओं को रोज 250 मिली अनार का रस या कैलोरी मैच प्लेसिबो दिया गया जो कि पॉलीफेनोल से मुक्त था।
मस्तिष्क के विकास और चोट को लेकर टीम ने कई पहलुओं पर गौर किया जिसमें नवजात के मैक्रोस्ट्रक्चर, माइक्रोस्ट्रक्चरल संगठन और कार्यात्मक कनेक्टिविटी शामिल थी।
टीम को ब्रेन के माइक्रोस्ट्रक्चर में कोई भिन्नता नहीं मिली लेकिन उन्हें व्हाइट मैट माइक्रोस्ट्रक्चर और फंक्शनल कनेक्टिविटी में अंतर देखा।
इससे पता चलता है कि मस्तिष्क कैसे कार्यात्मक रूप से विकसित हो रहा है। शिशु और मस्तिष्क के विकास में कोई अंतर नहीं था लेकिन समकालिक रक्त प्रवाह और ब्रेन की विजुअल डेवलेपमेंट से केबलिंग नेटवर्क और दिमाग के विकास में सुधार देखा गया।