नई दिल्ली
महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए संवैधानिक रूप से सिर्फ चार दिन का वक्त बाकी है, लेकिन भाजपा शिवसेना के दबाव में आने को तैयार नहीं है। नेतृत्व की ओर से साफ कर दिया गया है कि भाजपा शिवसेना की उचित मांगों को मानने के लिए तैयार है, लेकिन शिवसेना को भी यह स्वीकार करना होगा कि बड़ी पार्टी भाजपा है। खासकर तब जबकि राकांपा नेता शरद पवार की ओर से बार-बार बोला जा रहा है कि उन्हें तो विपक्ष मे बैठने का जनमत मिला है। संकेत है कि अगले चार दिनों में स्थिति बदलेगी और राजग सरकार का गठन होगा वरना भाजपा राष्ट्रपति शासन के लिए भी तैयार है।
फडणवीस ने की अमित शाह, गडकरी से मुलाकात
सोमवार को महाराष्ट्र के कार्यकारी मुख्यमंत्री और भाजपा के मुख्यमंत्री दावेदार देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, प्रभारी भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि अपनी तरफ ने उन्होंने दो बार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन कर जीत और दीवाली की बधाई दी है, लेकिन शिवसेना की ओर से केवल सार्वजनिक बयानबाजी की जा रही है। उनकी तरफ से बातचीत या फिर औपचारिक रूप से कोई शर्त भी नहीं रखी गई है।
उपमुख्यमंत्री पद और राजस्व मंत्रालय शिवसेना को देने पर राजी भाजपा
बताते हैं कि केंद्रीय नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिवसेना को बहुमत का रुख समझते हुए सामने आकर बातचीत करनी चाहिए। उसे इसका भी अहसास होना चाहिए कि भाजपा की संख्या शिवसेना से दोगुनी है। सूत्रों के अनुसार शिवसेना उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ राजस्व मंत्रालय भी देने को राजी हो सकता है, लेकिन अब तक शिवसेना की ओर से कोई औपचारिक बात की ही नहीं गई है। सूत्रों के अनुसार भाजपा गृह और शहरी विकास मंत्रालय शिवसेना को देने पर राजी नहीं होगी।