मुंबई
बीजेपी के साथ खींचतान के चरम पर पहुंचने के बाद भी शिवसेना ने सीएम पद पर अड़े रहने की बात कही है। पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि शिवसेना अब भी सीएम पद की मांग पर कायम है। गवर्नर से मिलने के बाद बीजेपी नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस के जवाब में राउत ने कहा कि बीजेपी यदि सरकार नहीं बना रही है तो साफ है कि उसके पास बहुमत नहीं है। वे राष्ट्रपति शासन लगाने की मंशा रखते हैं। यदि वे सरकार नहीं बना पा रहे हैं तो फिर बताएं कि हमारे पास बहुमत नहीं है। यदि वे राज्यपाल से मिलकर आए हैं तो उन्हें 145 विधायकों की सूची उन्हें सौंपनी चाहिए थी।
राउत ने कहा पार्टी विधायकों से कहा कि हमारी मांग अब भी बदली नहीं है। यही नहीं बीजेपी को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे साथ ब्लैकमेलिंग नहीं चलेगी। राउत ने कहा कि जब बीजेपी गवर्नर के पास गई तो फिर सरकार गठन का दावा क्यों नहीं पेश किया। ठाकरे फैमिली के वफादार माने जाने वाले राउत ने कहा कि हम अब भी सीएम की मांग पर कायम हैं। सरकार में शिवसेना का मुख्यमंत्री होना चाहिए।
बीजेपी पर संविधान के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए राउत ने कहा, 'संविधान का पेच नहीं चलेगा। हमें भी संविधान मालूम है और हम उसके दायरे में रहते हुए राज्य में शिवसेना का सीएम बनाएंगे। सरकार बनाने का दावा बीजेपी को पेश करना चाहिए। बार-बार उनके नेता कहते हैं कि सीएम बीजेपी का होगा। यदि आप गवर्नर से मिले हैं तो फिर 145 विधायकों की सूची लेकर जाते तो हमें अच्छा लगता।'
उन्होंने कहा कि मीटिंग में उद्धव ठाकरे ने विधायकों से कहा कि क्या जो हम कर रहे हैं, वह गलत है? इस पर विधायक ने कहा कि आप जो कर रहे हैं, वह एकदम सही है। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों ने उद्धव ठाकरे जी को सरकार गठन पर फैसले के लिए अधिकृत किया है। उनकी ओर से लिया गया फैसला आखिरी होगा।
संजय राउत ने कहा कि जब बीजेपी के नेता गवर्नर से मिले तो फिर उन्होंने सरकार गठन का दावा पेश क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोग सरकार बनने की अपेक्षा कर रहे हैं। राज्य को जल्द से जल्द सरकार मिलनी चाहिए। शिवसेना का सीएम होना चाहिए। विधायकों को होटल में रखने को लेकर उन्होंने कहा कि हमें बीजेपी की ओर से तोड़े जाने का डर नहीं है। नए विधायकों को आवास मुहैया नहीं हुए हैं। इसलिए उन्हें रखने की व्यवस्था पार्टी ने की है।