मध्य प्रदेश

शिवपुरी में 20 गायों की मौत, गांव वालों ने कहा भूख-प्यास से तोड़ा दम, विभाग ने दी सफाई

शिवपुरी
जिले के करैरा में 20 गायों (cow) की मौत (death) हो गई. बताया जा रहा है कि सब भूख-प्यास (hunger and thirst ) से मरी हैं. ये गाय आवारा नहीं थीं, बल्कि ग्राम पंचायत के भवन में मरीं. इन्हें यहां बिना चारा-पानी के बंद कर दिया गया था. एक-एक कर सबने दम तोड़ दिया. हालांकि पशुपालन विभाग कह रहा है कि गाय भूख से नहीं मरीं. गांव वाले इसके लिए सरपंच को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और सरपंच कह रहा है कि ये सब गांव वालों की वजह से हुआ. सरकार ने शिवपुरी (shivpuri) में 30 गौशाला खोलने की घोषणा की है, लेकिन गायों की मौत पर सवाल उठने लगे हैं.

करैरा जनपद के ग्राम छितीपुर में कुशाभाऊ ठाकरे पंचायत भवन में करीब 20 गायों को बंद कर दिया गया था. बताया जा रहा है इनके चारे-पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. ये गाय 10 से 15 दिन तक यहां रहीं और फिर भूख-प्यास से इनकी मौत हो गई. गांव वालों ने गायों की मौत के लिए सरपंच और सचिव को जिम्मेदार ठहराया है.

गायों की मौत के बाद गांव में हड़कंप मच गया. स्थानीय लोग गुस्से में आ गए और प्रशासन सकते में. गांव वालों का कहना है जिस पंचायत भवन में गाय रखी गई थीं, वहां की चाभी गांव के सरपंच-सचिव के पास रहती है. पंचायत भवन के अंदर सरपंच और सचिव की इजाजत के बिना गायों को कौन पंचायत भवन में बंद कर सकता है. इधर, जब गायों की मौत पर शोर मचा तो पशुपालन विभाग ने फौरन सफाई दी. उसके अधिकारी का कहना है हमने मामले की जांच डॉक्टरों से कराई है. पंचनामा भी तैयार किया गया है. इन गायों की मौत भूख-प्यास से नहीं हुई है.

जब गायों की मौत का ठीकरा सरपंच और सचिव के सिर पर फूटा तो उन्होंने गांव वालों को जिम्मेदार ठहरा दिया. पंचायत के सरपंच और सचिव का कहना है कि गायों की मौत भूख-प्यास से ही हुई है. लेकिन इन गायों को हमने नहीं, बल्कि गांव वालों ने बिना इजाजत यहां बंद कर दिया था और चारे-पानी की कोई व्यवस्था की नहीं. सरपंच और सचिव का कहना है इसमें हमारी कोई गलती नहीं है. ग्रामीणों ने गेट का ताला तोड़कर गौवंश को अंदर बंद कर दिया था. बंद करने के बाद उन्हें खाना पीना भी नहीं दिया. इस कारण उनकी मौत हो गई.

गौशाला का हालशिवपुरी जिले में एक साल बाद भी 30 में से सिर्फ 5 गोशालाएं ही चालू हो पाई हैं, जबकि जिले में वर्ष-2019 में कमलनाथ सरकार ने 30 गोशालाएं बनाने की मंजूरी दी थी. इसमें से अभी तक सिर्फ 5 गौशाला-निजामपुर, बामौरकला, गूडर और मायापुर में खोली गयीं. मायापुर गौशाला में पशु रखे जा रहे हैं. अन्य गोशालाएं देरी से बनने की वजह से चालू नहीं हो पाईं हैं.साल 2020 में 100 नई गोशालाएं मंजूर हुईं हैं. हर विधान सभा में 20-20 गौशालाएं बनाने का लक्ष्य है.

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