मध्य प्रदेश

शासकीय प्राथमिक-माध्यमिक शालाओं में शाला प्रबंधन समितियों का गठन आज

 भोपाल

प्रदेश के सभी शासकीय और अनुदान प्राप्त प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों में शाला प्रबंधन समितियों का गठन 21 जुलाई को किया जायेगा। राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देश पर सभी जिलों में इसकी आवश्यक तैयारियाँ कर ली गई हैं। शाला शिक्षकों को प्रशिक्षण के साथ ही आवश्यकतानुसार शालावार पर्यवेक्षक भी नियुक्त किये गये हैं।

उल्लेखनीय है कि शिक्षा के अधिकार कानून में सभी शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों के बेहतर प्रबंधन और शैक्षिक गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए शाला प्रबंधन समितियों के गठन का प्रावधान है। ये समिति, बच्चों के शाला नामांकन, नियमित उपस्थिति, गुणवत्तायुक्त शिक्षा और अधोसंरचना कार्यों के साथ बच्चों के बहुआयामी विकास में महत्वपूर्ण भमिका निभाती हैं।

शाला प्रबंधन समितियों में, शाला में पढ़ रहे बच्चों के पालक, शाला के प्रधान शिक्षक, वरिष्ठतम् महिला शिक्षिका, स्थानीय वार्ड के पंच/पार्षद तथा स्थानीय निकाय के सरपंच/अध्यक्ष/महापौर द्वारा नामित अन्य वार्ड की एक महिला पंच/पार्षद के रुप में निर्वाचित जन-प्रतिनिधि भी शामिल रहते हैं। स्कूलों के स्थानीय प्रबंधन के अधिकार भी इन समितियों को रहते हैं।  

मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 413 दिनांक 04 अक्टूबर 2019 में शिक्षा का अधिकार नियम में किये गये संशोधन अनुसार, प्रत्येक प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला की प्रबंधन समिति में 18 सदस्य होंगे। पूर्व में प्राथमिक स्कूलों में 18 सदस्यीय एवं माध्यमिक स्कूलों में 16 सदस्यीय शाला प्रबंधन समिति गठित की जाती थी। संपूर्ण प्रदेश में, कक्षा 1 से 5 की प्राथमिक, कक्षा 6 से 8 की माध्यमिक एवं कक्षा 1 से 8 तक की संयुक्त प्राथमिक माध्यमिक शालाओं में इन समितियों का गठन वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के सत्र के लिए किया जा रहा है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में अध्ययनरत्, विद्यार्थियों के पालकों और अभिभावकों से 21 जुलाई को स्कूल पहुँचकर, शाला प्रबंधन समिति से जुड़ने और शालाओं के विकास कार्यों में सहभागी बनने का आग्रह किया है। 

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