देश

शालीमार बाग कांड: अपने पिता से ही डर रहे बच्चे

नई दिल्ली
शालीमार बाग में रहने वालों ने सोमवार को बताया कि मधुर मलानी द्वारा अपने बेटे-बेटी की हत्या के बाद खुदकुशी करने के बाद इलाके में डर जैसा माहौल है, खासकर बच्चों में। यहां तक कि बच्चे अपने मां-बाप से डरने लगे हैं। 44 साल के मधुर मलानी अपनी पत्नी रुपाली, बेटी समीक्षा (14) और 6 साल के बेटे श्रेयांस के साथ शालीमार बाग में किराए के मकान में रहते थे। रविवार को उन्होंने अपनी बेटी और बेटे की हत्या के बाद हैदरपुर बादली मोड़ मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी कर ली।

पड़ोसियों को जब इस घटना की जानकारी मिली तो वे सन्न रह गए। अब स्थिति यह है कि मलानी के पड़ोस के बच्चे अपने ही मां-बाप से डरने लगे हैं। ऐसे ही एक पड़ोसी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, 'जब से मेरे बच्चों को पता चला है कि अपने ही 2 बच्चों को उसके पिता ने मार डाला तब से वे डरे हुए हैं और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्हें यह समझाना मुश्किल है कि आखिर किन परिस्थितियों में वह वारदात हुई। लेकिन उन्हें यह बात समझानी बहुत जरूरी है ताकि वे खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।'

पड़ोसी समीक्षा और श्रेयांस को याद करते हुए एक और पड़ोसी कहते हैं, 'दोनों ही बच्चे बहुत स्मार्ट और समझदार थे। यह यकीन करना मुश्किल है कि अब वे नहीं हैं। जब भी वे हमें देखते थे, हमारा अभिवादन करते थे। मैं श्रेयांस को तब से देख रहा था जब से वह स्कूल जाने लगा था। वह बहुत क्यूट और चंचल था, हमेशा बातें करता रहता था।'

पुलिस के मुताबिक, मधुर ने जब अपने बच्चों की गला दबाकर हत्या की, उस वक्त रुपाली घर पर नहीं थी। पड़ोसी बताते हैं कि दोपहर साढ़े 3 बजे के करीब रुपाली बच्चों को पिता के साथ छोड़कर नजदीक के बाजार गई थी। शाम 5 बजे कुछ पड़ोसियों से मधुर को घर से जाते हुए देखा था। जब रुपाली लौटी तो उसे घर पर ताला लगा मिला। उसने दूसरी चाबी से जब घर खोला तो 2 अलग-अलग कमरों में उसके दोनों बच्चों के शव पड़े मिले।

इसके कुछ ही मिनट बाद कुछ पड़ोसियों ने रुपाली को चीखते हुए सुना कि 'मधुर ने बच्चों को मार दिया'। उसने तत्काल पुलिस को सूचना दी। इसके कुछ देर बाद ही खबर आई कि मधुर ने मेट्रो ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी है। उसके पास से कोई सूइसाइड नोट नहीं मिला लेकिन पुलिस का दावा है कि वह डिप्रेशन में था। करीब 6 महीने पहले उसकी सैंडपेपर बनाने वाली फैक्ट्री बंद हो गई थी और तभी से वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था।

>

About the author

info@jansamparklife.in

Leave a Comment