नई दिल्ली
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेताओं ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के संभावित निर्णय से कुछ दिन पहले शुक्रवार को बीजेपी के कुछ वरिष्ठ मुस्लिम नेताओं और मुसलमान समाज के कई बुद्धिजीवियों के साथ बैठक की। संघ ने उन्हें निकट भविष्य में शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित करने में सहयोग की अपील की। सूत्रों के मुताबिक, यहां करीब साढ़े चार घण्टे चली बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि ऐसा माहौल सुनिश्चित करना है कि अयोध्या पर आने वाले फैसले को सभी स्वीकार करें और देश के किसी भी हिस्से में किसी तरह से शांति भंग नहीं हो।
बैठक में आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी कृष्ण गोपाल और इंद्रेश कुमार, केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन, शाजिया इल्मी और जफर इस्लाम शामिल थे। मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति फिरोज बख्त अहमद और कुछ अन्य मुस्लिम बुद्धिजीवी भी मौजूद थे।
बैठक के बाद फिरोज बख्त अहमद ने कहा, 'मुस्लिम समुदाय की तरफ से कई बार यह कहा गया है कि जो भी फैसला आएगा उसे माना जाए। फिर भी कहीं कुछ गलत नहीं हो, इसका प्रयास किया जा रहा है। मुस्लिम समुदाय के बुद्धिजीवियों से अपील की गई है कि वह ऐसा माहौल बनाने में मदद करें जिसमें सभी लोग अदालत के फैसले को मानें।'
दअरसल, आरएसएस ने पिछले दिनों कहा था कि अयोध्या मामले पर आने वाले फैसले को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। संघ ने ट्वीट किया था, 'आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है। निर्णय जो भी आए, उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए। निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्दपूर्ण रहे।'
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच न्यायधीशों की पीठ ने 40 दिन तक लगातार सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। यह फैसला अगले कुछ दिनों के भीतर सुनाए जाने की संभावना है। इस पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।