प्रयागराज
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है. बाढ़ के कारण शहरी इलाकों और कई गांवों में पानी घुसने लगा है. इस वजह से हजारों घर डूब गए हैं. इन घरों में लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. प्रयागराज के अलावा बलिया और वाराणसी में भी गंगा नदी उफान पर है और सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर तेजी से खतरे की निशान की ओर बढ़ रहा है. दोनों नदियों के रौद्र रूप धारण करने से निचले इलाकों में हड़कंप मचा है. दो दर्जन से ज्यादा मोहल्ले और 50 के करीब गांव बाढ़ की चपेट में हैं. हजारों की संख्या में लोगों का पलायन हुआ है. कुछ बेघर हुए लोग राहत शिविरों में पहुंचने लगे हैं.
जलस्तर बढ़ने से दारागंज, छोटा बघाड़ा, चांदपुर सलोरी, सलोरी, शिवकुटी, तेलियरगंज, मेहंदौरी, रसूलाबाद, बेली गांव, बेली कछार, राजापुर, नेवादा, गौसनगर, करैलाबाग, नैनी, झूंसी और फाफामऊ के कछारी इलाकों में मुसीबत खड़ी हो रही है. हजारों घरों में पानी घुस गया है. जिला प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए रखा है. बचाव कार्य के लिए सभी टीमें अलर्ट हैं.
प्रयाग के जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जो लोग बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे हुए हैं, उन्हें शीघ्र वहां से निकालकर राहत केंद्रों में पहुंचाया जाए. डीएम ने बताया कि ढाई दो सौ परिवारों ने बाढ़ राहत शिविर में शरण ली है. शहर में कुल 31 शिविर बनाए गए हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में फिलहाल तीन दिनों की अवकाश घोषित कर दिया गया है.