WhatsApp में ग्रुप चैटिंग काफी मजेदार होती है, लेकिन इस खबर को पढ़ने के बाद हो सकता है कि आप ग्रुप चैटिंग बंद कर दें। ग्रुप ऐडमिन्स मेंबर ऐड करने के लिए वॉट्सऐप के 'Invite to Group via Link' फीचर का भी इस्तेमाल करते हैं। यह इन्वाइट लिंक अगर प्राइवेट न रहे तो ग्रुप मेंबर्स की प्रिवेसी पर खतरा बढ़ जाता है और इसे अगर इंटरनेट पर गलत जगह शेयर किया गया तो यह परेशानी का कारण भी बन सकता है।
ऑनलाइन शेयर किए गए वॉट्सऐप ग्रुप इन्वाइट लिंक को Google जैसे सर्च इंजन आसानी से खोज लेते हैं। गलत यूजर इस लिंक के जरिए किसी प्राइवेट वॉट्सऐप ग्रुप को जॉइन करके डेटा ऐक्सेस कर सकते हैं। वॉट्सऐप की इस बड़ा खामी के बारे में जानकारी सबसे पहले जॉर्डन विल्डन नाम के एक पत्रकार ने ट्विटर पर दी। उन्होंने पाया कि 'Invite to Group via Link' के URL को गूगल इंडेक्स करता है और सही सर्च टर्म के जरिए इसे आसानी से ढूंढा जा सकता है। ग्रुप चैट लिंक बेस यूआरएल के तौर पर chat.whatsapp.com का इस्तेमाल करते हैं, जिसे गूगल पर साइट मॉडिफायर के जरिए आसानी से सर्च किया जा सकता है।
सर्च करने पर मिले साढ़े चार लाख से ज्यादा रिजल्ट
रिवर्स इंजिनियरिंग ऐप्स की जानकार जेन मान्चंग वान ने बताया कि उन्होंने जब गूगल पर chat.whatsapp.com सर्च किया तो उन्हें इसके 4,70,000 रिजल्ट मिले। इसमें से ज्यादातर प्राइवेट ग्रुप्स के इन्वाइट थे। ऐसे में अगर कोई यूजर किसी ग्रुप को जॉइन कर लेता है तो वह उस ग्रुप के सभी मेंबर और उनके फोन नंबर को जान सकता है।
गूगल की नहीं है कोई गलती
एक्सपर्ट्स ने बताया कि इस प्रिवेसी इशू में गूगल या किसी दूसरे सर्च इंजन की कोई गलती नहीं है। यह खामी वॉटस्ऐप की है और कंपनी को यूजर्स की प्रिवेसी को सिक्यॉर रखने के लिए 'noindex' जैसे मेटा टैग का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि इन्वाइट पेज सर्च इंजन्स में न दिखें।
वॉट्सऐप ने दी सफाई
वॉट्सऐप और फेसबुक के एक प्रवक्ता ऐलिसन बॉनी ने कहा, 'किसी भी कॉन्टेंट की तरह इन्वाइट लिंक भी पब्लिक चैनल्स पर शेयर किए जाने पर दूसरे और अनजान वॉट्सऐप यूजर्स इसे सर्च इंजन्स के जरिए खोज सकते हैं। ऐसे में यूजर्स जिन लिंक्स को प्राइवेटली शेयर करना चाहते हैं उन्हें किसी भी वेबसाइट पर शेयर न करें।'